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बिहार में जल प्रलय की आहट! कोसी बैराज पर बने पुल के ऊपर बह रहा पानी

उत्तर बिहार में जल प्रलय की आहट ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. कोसी बराज से बीते 56 सालों में सबसे ज्यादा पानी छोड़ा गया है इसके बाद भी बराज पर बने पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. उत्तर बिहार के ज्यादातर जिलों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है जिसके बाद जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की टीम को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

कोसी बराज के ऊपर बने पुल से बह रहा पानी कोसी बराज के ऊपर बने पुल से बह रहा पानी
रोहित कुमार सिंह
  • सुपौल,
  • 28 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

नेपाल में भारी बारिश के बाद कोसी बराज के सभी गेट को खोल दिए गये हैं जिसके बाद उत्तर भारत में भीषण बाढ़ की आशंका बनी हुई है. हालात ये हैं कि कोसी बराज पर बने पुल के ऊपर से पानी बह रहा है. 

रोकी गई गाड़ियों की आवाजाही

स्थानीय लोगों के मुताबिक उन्होंने बीते 50 सालों में कोसी नदी में इतना पानी कभी नहीं देखा है. कोसी बराज पर बने पुल के ऊपरे से पानी बहने के बाद उत्तर बिहार के ज्यादातर लोगों में बाढ़ को लेकर दहशत का माहौल है. एहतियातन पुल पर गाड़ियों की आवाजाही रोक दी गई है.

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2008 में जब बिहार में बाढ़ से त्रासदी हुई थी तो उस वक्त कुशहा बांध टूटा था. उसको लेकर लोग बता रहे हैं कि दो-तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिससे बांध टूट गया था, लेकिन इस बार अभी तक 5.5 लाख क्यूसेक से भी ज्यादा पानी छोड़ा जा चुका है और हालात बहुत ज्यादा गंभीर बने हुए हैं.

बाढ़ से 17 लाख लोगों के प्रभावित होने की आशंका

मौजूदा हालात को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिहार सरकार ने शनिवार को वाल्मिकीनगर और बीरपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद राज्य के उत्तरी और मध्य हिस्सों में कोसी, गंडक और गंगा जैसी उफनती नदियों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है. राज्य में बाढ़ की वजह से 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोगों की स्थिति खराब हो सकती है, जो पहले से ही भारी बारिश के बाद प्रभावित थे.

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राज्य के जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने एक बयान में कहा, 'नेपाल में भारी बारिश के कारण शनिवार को गंडक, कोशी, महानंदा आदि नदियों में पानी का बहाव काफी बढ़ गया है.' राज्य जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने कहा, शाम 7 बजे तक कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से कुल 5.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 सालों में सबसे अधिक है.

कोसी बराज से 56 साल बाद छोड़ गया सबसे ज्यादा पानी

उन्होंने न्यूज एजेंसी को बताया कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किये जा रहे हैं. आखिरी बार इस बैराज से 1968 में अधिकतम 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. अधिकारी ने कहा, 'जल संसाधन विभाग की टीमें 24/7 आधार पर तटबंधों की निगरानी कर रही हैं ताकि किसी भी कटाव या खतरे का पता चलते ही त्वरित कार्रवाई की जा सके.'

इस टीम में जल संसाधन विभाग के 17 एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, 25 असिस्टेंट इंजीनियर और 45 जूनियर इंजीनियर शामिल हैं. पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश के बाद राज्य भर में कई नदियों गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा और गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है.

इन जिलों के बाढ़ में डूबने की आशंका

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अधिकारी ने बताया कि नेपाल ने शनिवार शाम सात बजे तक अपनी ओर से गंडक बैराज में 5.40 लाख क्यूसेक और कोसी बैराज में 4.99 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा. अधिकारियों ने कहा कि इन दोनों बैराजों से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिम और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है.

बिहार के कई जिलों में पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया है क्योंकि आईएमडी ने भारी बारिश की चेतावनी दी है और राज्य के कुछ हिस्सों में प्लैश फ्लड आने की भी आशंका जाहिर की है.

 

इनपुट- पीटीआई

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