
बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पलटूराम रहे हैं. जब एकबार पलट गए हैं तो दूसरी और तीसरी बार पलटने में क्या दिक्कत है. अगर नीतीश कुमार को बीजेपी एनडीए में लेती है तो हम लोग इसका विरोध नहीं करेंगे.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा, नीतीश कुमार तेजस्वी को सीएम बनाने के वादे के साथ महागठबंधन में शामिल हुए थे. मुझे पहले से मालूम था कि नीतीश तेजस्वी को सीएम के रूप में बर्दाश्त नहीं कर सकते. विपक्षी गठबंधन में नीतीश कुमार को नेतृत्व का सपना दिखाया गया था. मगर, अब मल्लिकार्जुन खड़गे साहब का नाम आ रहा है.
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बताते चलें कि बिहार में इंडिया ब्लॉक में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा, ऐसे संकेत सामने आ रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ललन सिंह एपिसोड के बाद जदयू और राजद के बीच संबंधों में तल्खी आई है. इंडिया ब्लॉक की वर्चुअल बैठक के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार की ओर से शनिवार को पटना के गांधी मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान आया, जो इन अटकलों को और हवा दे सकता है.
दरअसल, मुख्यमंत्री ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती किए गए शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे थे. अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने पूर्ववर्ती लालू-राबड़ी सरकार पर स्पष्ट रूप से निशाना साधा. पूर्ववर्ती राजद सरकार पर कटाक्ष करते हुए, नीतीश ने याद दिलाया कि 2005 में जब उन्होंने राज्य की कमान संभाली थी, तब 12.5 प्रतिशत से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जाते थे.
तब उनकी सरकार ने बड़े पैमाने पर टोला सेवकों और तालिमी मरकजों (शिक्षा सेवक) की भर्ती शुरू की. उन्होंने इन आंकड़ों के लिए राज्य सरकार द्वारा स्कूली छात्रों पर किए गए एक सर्वेक्षण का हवाला दिया. बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू ने सहयोगी राजद के खिलाफ पहले ही मोर्चा खोल रखा है. नीतीश की पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 17 सीटों पर कोई समझौता नहीं करने के अपने रुख पर कायम है. वाम दलों ने 9 और कांग्रेस ने 10 सीटें मांगी हैं.
ऐसे में राजद के लिए 4 सीटें बचती हैं. जदयू के दावे ने राजद के लिए दुविधा पैदा कर दी है, क्योंकि उसे अपने गठबंधन सहयोगियों की मांगों और अपने हितों का भी ध्यान रखना है. इस बीच पटना में लगे एक पोस्टर्स को लेकर भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. शिक्षक भर्ती का क्रेडिट लेने वाले इन पोस्टर्स में सिर्फ नीतीश कुमार नजर आए, तेजस्वी गायब दिखे, जिस पर लिखा था 'रोजगार का मतलब नीतीश सरकार'.