Advertisement

'ब्राह्मण श्राप देता है तो कुल का नाश...', बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडे का बयान

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि ब्राह्मण के श्राप से पूरे कुल का नाश हो जाता है. ब्राह्मण के ह्रदय में अगर तकलीफ होती है तो पूरे कुल का नाश हो जाता है.

Gupteshwar pandey (File Photo) Gupteshwar pandey (File Photo)
आदित्य वैभव
  • पटना,
  • 24 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

बिहार में जातियों को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच अब राज्य के पूर्व डीजीपी के बयान पर बवाल मच गया है. आईपीएस की नौकरी छोड़ने के बाद धार्मिक प्रवचन देने वाले बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

वीडियो में नजर आ रहा है कि गुप्तेश्वर पांडे किसी कार्यक्रम में उपदेश दे रहे हैं. उपदेश के बीच गुप्तेश्वर कहते हैं कि ब्राह्मण के श्राप से पूरे कुल का नाश हो जाता है. पूर्व डीजीपी का यह बयान बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के बार-बार जाति व्यवस्था को लेकर आने वाले बयानों के बाद आया है.

Advertisement

गुप्तेश्वर पांडे ने और क्या कहा?

दरअसल, गुप्तेशवर पांडे मधेपुरा में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पखवाड़े के अवसर पर आयोजित एक सभा को संबोधित कर रहे थे. वीडियो में गुप्तेश्वर पांडे कहते हैं कि अगर ब्राह्मण का अपमान हो जाए तो ब्राह्मण श्राप देता है. ब्राह्मण के ह्रदय में अगर तकलीफ होती है तो पूरे कुल का नाश हो जाता है. 

भूलकर भी नहीं करना चाहिए अपमान

वीडियो में आगे पांडे करते हैं कि ब्राह्मण के क्रोध से बचना चाहिए, यह शास्त्रों में लिखा हुआ है. भले ही ब्राह्मण आपको बड़ा अधर्मी, नीच-पतीत दिखाई देता हो या कुछ भी हो, लेकिन पूर्व जन्म की उसकी तपस्या है तभी वह ब्राह्मण कुल में पैदा हुआ है. यह कभी नहीं भूलना चाहिए. ब्राह्मण और संत का अपमान कभी भी गलती से भी नहीं करना चाहिए, आजकल लोग यह बात नहीं मानते हैं.

Advertisement

'जाति विभाजन के लिए सजा जिम्मेदार'

दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के संरक्षक लालू प्रसाद यादव को उसी चारा घोटाले में अदालत ने जेल भेजा था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को क्लीन चिट मिली थी. चन्द्रशेखर ने चयनात्मक सजा को जाति विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया. सीबीआई को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने दावा किया कि मिश्रा को उनकी जाति से संबद्धता के कारण लगभग छोड़ दिया गया था, जबकि लालू को मुकदमे का सामना करना पड़ा और बाद में उन्हें जेल की सजा सुनाई गई.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement