
बिहार के समस्तीपुर में ऑनलाइन गेम फ्री फायर (Free Fire Game) खेलते-खेलते चार बच्चियां गायब हो गईं थीं जिसे अब पुलिस ने बरामद कर लिया है. दरअसल, चारों बहनें ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान कुछ युवकों के झांसें में आ आ गईं और घर से फरार हो गई थीं.
पुलिस ने चारों बहनों को महाराष्ट्र के पुणे से बरामद किया है. बताया जा रहा है कि इनके साथ एक और लड़की मिली है, जो इन चारों लड़कियों की ही फुफेरी बहन है. इस तरफ पुलिस ने कुल पांच नाबालिगों को बरामद किया है. यह पूरी जानकारी रोसड़ा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिवम कुमार ने दी. पांचों लड़कियां आठवीं से दसवीं कक्षा की छात्राएं हैं.
एक साथ चारों बहनें हुई थी गायब : डीएसपी
डीएसपी शिवम कुमार ने बताया कि समस्तीपुर (Samastipur) के दो फरवरी को विभुतिपुर थाना क्षेत्र के एक गांव से चार लड़कियां एक साथ गायब हो गईं. चारों रिश्ते में बहन थीं. परिजनों के अनुसार चारों बहनें स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी और फिर लौटकर नहीं आई. इसके बाद परिजनों ने थाने में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने जब मामले की छानबीन शुरू की तो, वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद पता चला कि चारों बच्चियां महाराष्ट्र के पुणे में हैं. इसके बाद पुलिस ने स्पेशल टीम भेजकर चारों को वहां से बरामद किया. पुलिस ने उन चारो बहनों के साथ उनकी एक और लड़की को भी बरामद किया है.
Free Fire Game खेलने के दौरान बहकावे में आईं: पुलिस
डीएसपी ने बताया कि स्पेशल टीम ने लड़कियों के साथ चार लड़कों को भी गिरफ्तार किया है. चारों लड़कों से पूछताछ में ही पता चला कि सभी लड़कियां ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलने के दौरान संपर्क में आई थी. इन युवकों ने सभी को एक बढ़िया जिंदगी का सपना दिखाकर अपने झांसे में ले लिया था. इसके बाद अलग-अलग जगह के चारों लड़कों ने सभी को एक जगह पंजाब के राजपुरा बुलाया. उसके बाद सभी को राजपुरा से पुणे भेजा गया.
अलग-अलग जगह के युवकों का था नेटवर्क : डीएसपी
गिरफ्तार किये गए लड़कों की पहचान झारखंड के देवघर के मो. साउद, अररिया के मो. दिलशाद, मो. जैद और उत्तर प्रदेश के बिजनौर के मो. फैज के रूप में की गई है. बताया जाता है कि अलग-अलग जगहों से लड़के इन सभी नाबालिग लड़कियों के संपर्क में थे.
डीएसपी शिवम कुमार ने बताया कि सभी लड़कियां सीधे समस्तीपुर से पुणे नहीं गईं थीं. उन लोगों को पहले पंजाब बुलाया गया. उसके बाद उन्हें वहां से महाराष्ट्र भेजा गया था. अनुसंधान के दौरान पुलिस जब पंजाब पहुंचकर एक आरोपी को दबोचा तो उसने नाबालिग लड़कियों के पुणे जाने की जानकारी दी. उसके बाद सभी को पुणे से बरामद किया गया.