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नीतीश का दम...बिहार की 30 सीटों पर एनडीए ने कैसे मारी बाजी, समझिए समीकरण

बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों के चुनाव नतीजे आ गए हैं. एनडीए को जहां इस बार 30 सीटें मिली हैं वहीं महागठबंधन में शामिल दलों को कुल 10 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. इस लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 16 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की है जिसके बाद नीतीश कुमार एक बड़ी क्षेत्रीय ताकत के रूप में उभरे हैं.

नीतीश कुमार (File Photo-PTI) नीतीश कुमार (File Photo-PTI)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 05 जून 2024,
  • अपडेटेड 7:59 AM IST

बिहार में लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जलवा राज्य में अभी भी बरकरार है लेकिन नीतीश कुमार की विश्वसनीयता भी बनी हुई है. जाति की दीवार को तोड़ते हुए लोगों ने ब्रांड मोदी के नाम पर वोटिंग की है लेकिन उन्हें नीतीश पर भी भरोसा है.

30 सीट के साथ बिहार में एनडीए का प्रदर्शन एक मुख्य फैक्टर है जिसके कारण देश में नरेंद्र मोदी तीसरी बार एनडीए सरकार बनाने जा रहे हैं. लोकसभा के नतीजे के मुताबिक बिहार एनडीए में बीजेपी को 12, जनता दल यूनाइटेड को 12, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 1 सीट पर मिली है.

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12-12 सीटों पर जीती बीजेपी और जेडीयू

बीजेपी ने 17 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की है वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने 16 सीटों पर लड़कर 12 पर जीत दर्ज की है. वहीं चिराग पासवान की पार्टी में 5 सीटों पर चुनाव लड़ के सभी सीटों पर जीत हासिल की है. बिहार में जनता दल यूनाइटेड का जो प्रदर्शन रहा है उससे यह भी साफ हो गया है कि इसी साल जनवरी में नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़कर एनडीए में  आने का जो फैसला किया था वह बिल्कुल सही फैसला था.

उस वक्त नीतीश कुमार की पार्टी के 16 सांसद थे और सूत्रों के मुताबिक सभी ने नीतीश कुमार से वापस एनडीए में आने की अपील की थी क्योंकि उन सब का मानना था कि अगर लोकसभा चुनाव में उन्हें दोबारा चुनकर आना है तो उन्हें ब्रांड मोदी की जरूरत पड़ेगी.  2019 में भी यही देखने को मिला था. उस वक्त नीतीश कुमार की पार्टी ने 17 में से 16 सीट पर जीत हासिल की थी.

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RJD को नहीं हुआ ज्यादा फायदा

दूसरी तरफ अगर महागठबंधन के प्रदर्शन पर नजर डालें तो तेजस्वी यादव के जबरदस्त प्रचार-प्रसार के बावजूद भी राजद को केवल 4 सीट ही हासिल हुई जबकि उनकी पार्टी ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था. महागठबंधन में कांग्रेस ने भी 9 सीटों पर लड़कर 3 सीटों पर जीत हासिल की है. यानी कि बिहार में महागठबंधन ने केवल 10 सीटों पर जीत दर्ज की है.

बिहार के लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड ने अगर 16 में से 12 सीट पर जीत हासिल की है तो इसमें नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की भी अहम भूमिका है. इसकी वजह ये है कि प्रचार-प्रचार के दौरान भी लोग यह मान रहे थे कि नीतीश कुमार पिछले कुछ वर्षों में लगातार पलटते रहे हैं जिस वजह से उनकी विश्वसनीयता में भी कमी आई है. 

हालांकि चुनाव परिणामों में एक बार फिर वोटरों ने नीतीश कुमार की पार्टी पर भरोसा जताया है. नीतीश के कोर वोटर महादलित और महिलाओं का एकमुश्त वोट उन्हें मिला जिस वजह से जेडीयू का प्रदर्शन बेहतरीन रहा. हालांकि चुनाव नतीजों के अनुसार बिहार में एनडीए 2019 के मुकाबले 39 सीट से घटकर इस बार 30 सीट पर आ गई है. बताया जा रहा है कि आरजेडी के ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर पाने की बड़ी वजह धरातल पर लोगों के बीच तेजस्वी यादव का क्रेज नहीं होना भी है.

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