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खुद ही सिलवाई वर्दी, पैसों की बात भी निकली झूठ... दो लाख में IPS बनने वाले की कहानी में नया खुलासा

जमुई में फर्जी आईपीएस अधिकारी बनने वाले मिथलेश कुमार की कहानी में नया मोड़ सामने आया है. पुलिस जांच में पता चला है कि मिथलेश ने खुद वर्दी सिलवाई थी, जबकि उसने दो लाख रुपये देकर फर्जी आईपीएस बनने का दावा किया था, जो पूरी तरह झूठ निकला. पुलिस को इस मामले में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है कि उसने किसी को दो लाख रुपये दिए थे.

मथिलेश ने खुद सिलवाई थी आईपीएस की वर्दी. मथिलेश ने खुद सिलवाई थी आईपीएस की वर्दी.
राकेश कुमार सिंह
  • जमुई,
  • 02 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

बिहार के जमुई जिले में 11 दिनों की जांच के बाद पुलिस ने फर्जी तरीके से दो लाख रुपये देकर 'आईपीएस' बनने वाले मिथलेश कुमार के मामले में बड़ा खुलासा किया है. मिथलेश कुमार 20 सितंबर को आईपीएस की वर्दी में पकड़ा गया था. अब वह एक कलाकार के रूप में सोशल मीडिया पर चर्चा में है. पुलिस की हालिया जांच से पता चला है कि मिथलेश ने पुलिस और मीडिया के सामने जो भी बयान दिए थे, वे मनगढ़ंत और झूठे थे, जिससे उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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मिथलेश कुमार थाने में बांड भरकर बाहर है. वह इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल आईपीएस मिथलेश के नाम से अकाउंट बनाकर न केवल सुर्खियां बटोर रहा है, बल्कि वह फर्जी आईपीएस के बाद एक कलाकार की भूमिका भी अदा कर रहा है. मिथलेश ने पटना के एक स्टूडियो में भोजपुरी में एक गाना शूट किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

जमुई के एसडीपीओ सतीश सुमन ने कहा कि 20 सितंबर को फर्जी आईपीएस मामले में सिकंदरा थाना में मामला दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू की गई थी. जांच के पहले चरण में मिथलेश कुमार ने जिस मनोज सिंह के बारे में दो लाख की ठगी कर फर्जी आईपीएस बनाने की बात की थी, उसके संबंध में खैरा इलाके के चार मनोज सिंह की पहचान मिथलेश कुमार से कराई गई, लेकिन मिथलेश ने उनकी पहचान उस व्यक्ति के रूप में नहीं की, जिसने ठगी की.

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यह भी पढ़ें: दो लाख रुपये देकर IPS बनने वाला मिथिलेश पहुंचा घर, कहा- पुलिस मेरे पैसे दिलवा दे

मिथलेश कुमार ने जिस दिन मनोज सिंह को खैरा में पैसे देकर फर्जी आईपीएस बनने के लिए वर्दी लेने की बात कही थी, उस दिन मिथलेश कुमार का मोबाइल लोकेशन खैरा न होकर लखीसराय में था. मिथलेश कुमार ने पुलिस के सामने दो लाख रुपये अपने मामा से लेकर मनोज सिंह को देने की बात कही थी, लेकिन जब पुलिस ने मिथलेश के मामा से बात की तो उन्होंने एकमुश्त दो लाख रुपये मिथलेश को देने की बात से इनकार किया.

बता दें कि पुलिस की वर्दी तो लगभग कॉमन ही होती है. आईपीएस की वर्दी में स्टार-बैच-लैनयॉर्ड(रस्सी) लगी होती है. इन्हीं स्टार-बैच से उसके पद की पहचान होती है. एसपी की वर्दी में अशोक चिह्न, स्टार और आईपीएस का बैच लगा होता है. यानी मिथलेश कुमार ने वर्दी सिलवाकर उसमें स्टार-बैच वाली स्ट्रिप लगवाई थी.

पुलिस का कहना है कि मिथलेश कुमार ने पुलिस को पूछताछ के दौरान मनोज सिंह के जो दो मोबाइल नंबर दिए और कहा था कि इसी नंबर से उसकी बातचीत मनोज से होती थी. पुलिस ने जांच की तो दोनों नंबर इनएक्टिव मिले हैं. पुलिस की जांच में अब तक मनोज सिंह का कोई भी सूत्र नहीं मिला है, जिससे ये साबित हो सके कि दो लाख रुपये देकर फर्जी आईपीएस बनाया गया. पुलिस मानकर चल रही है कि जो बातें मिथलेश कुमार ने बताईं, वो तथ्य से परे हैं.

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मामले को लेकर पुलिस ने क्या बताया?

एसडीपीओ सतीश सुमन ने कहा कि मिथलेश कुमार को बांड भरवाकर छोड़ा गया है, लेकिन अगर मिथलेश द्वारा इस धारा का उल्लंघन किया गया तो पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है. आईपीएस की वर्दी, जिसे मिथलेश ने पहना रखा था, उसका नाप मिथलेश ने खुद दिया था और वर्दी भी उसके द्वारा ही तैयार करवाई गई, ऐसा प्रतीत हो रहा है.

मिथलेश कुमार ने वायरल आईपीएस मिथलेश के नाम से सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया है. हर रोज उसमें नया ब्लॉग बनाकर डाल रहा है, जिसे लोग देख रहे हैं. वह सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है. अब मिथलेश एक कलाकार की भूमिका में भी नजर आ रहा है. मंगलवार को ही उसका एक भोजपुरी गाना रिलीज हुआ, जिसमें मिथलेश अभिनय करता दिख रहा है. मिथलेश की मानें तो भोजपुरी में एक लघु फिल्म भी बन रही है, जो दुर्गा पूजा के आसपास रिलीज होगी.

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