
दिल्ली में 19 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक हुई थी, और इसी दिन देर शाम जदयू ने 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाने की घोषणा की. इसे लेकर बिहार के सियासी हलके में अटकलबाजियों का दौर गर्म है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने 20 दिसंबर को बड़ी राजनीतक भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि लालू यादव से ललन सिंह की बढ़ती निकटता के कारण जदयू उन्हें किसी भी समय राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा सकती है.
सुशील मोदी ने कहा था कि इंडिया ब्लॉक की बैठक में ममता और केजरीवाल द्वारा विपक्षी पीएम उम्मीदवार के रूप में राहुल गांधी की जगह मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित करने से स्पष्ट है कि पद की दावेदारी के जरिए गठबंधन में वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गई है. उनकी इस भविष्यवाणी पर ललन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, 'शायद नीतीश कुमार से सुशील मोदी की बात हुई होगी, तभी वह उनकी बात जान रहे हैं. वह ज्योतिष नहीं है, इंडिया गठबंधन में सब ऑल इज वेल है. तीन सप्ताह में सभी सीटों का बटवारा हो जाएगा'.
'गिरिराज ढाई किलो मटन खुद खाते हैं और दूसरों को कहते हैं'
गिरिराज सिंह के जेडीयू में टूट वाले बयान पर ललन सिंह ने कहा, 'गिरिराज सिंह अपनी टीआरपी चलाते हैं. उन्हें कुछ बोलना है, इसलिए बोलते रहते हैं'. गिरिराज सिंह के हिंदुओं से हलाल की जगह झटका मीट खाने का अनुरोध करने पर ललन सिंह ने कहा, 'वह ढाई किलो मटन खुद खाते हैं और दूसरों को कहते हैं'. पत्रकारों ने जब विपक्षी पीएम फेस के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किए जाने के बारे में पूछा तो ललन सिंह भड़क गए. उन्होंने कहा, 'शायद आपको बताया गया होगा. ममता बनर्जी ने स्पेशली आपसे बात की हो, तो फिर बात और है'.
लोकसभा और राज्यसभा से विपक्षी सांसदों के निलंबन पर ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है. विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर गृह मंत्री अमित शाह सदन में आकर बयान दें. संसद में दो लोग आखिर कैसे घुसे बताएं. लेकिन उन्हें संसद में आकर बयान देने में शर्मिंदगी महसूस हो रही है. विपक्ष जब बयान की मांग कर रहा है तो डेढ़ सौ सांसदों को निलंबित कर दे रहे. लोकतंत्र की उनकी यही परिभाषा है.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक वाले सवाल पर भड़के ललन सिंह
मीडिया कर्मियों ने उनसे 29 दिसंबर को होने वाली जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक के एजेंडे के बारे में पूछा तो ललन सिंह बिफर पड़े. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कौन से फैसले होने हैं वह आपसे डिस्कस कर लें? लगता है आप लोगों की किसी से बात हुई है. आप ही परामर्श दीजिए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में क्या किया जाए'. दरअसल, जेडीयू ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक एक साथ बुलाई है. कार्यकारिणी जो फैसले करती है, परिषद उस पर मुहर लगाती है. इसलिए अटकलें लग रही हैं कि 29 दिसंबर को पार्टी कोई बड़ा फैसला ले सकती है.