
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. जिन राज्यों में गठबंधन की सरकारें हैं, वहां भी आगामी आम चुनावों को लेकर उठापटक देखने को मिल रही है. इसी कड़ी में बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू के एक बड़े नेता ने बड़ा बयान दिया है.
जेडीयू के सीनियर लीडर और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा है कि 16 सीटों पर जेडीयू के सांसद हैं. इन पर कोई समझौता नहीं होगा. सिटिंग सीट पर कोई बातचीत नहीं होगी. सीट के अदला-बदली पर बातचीत संभव है. यदि गठबंधन बनाना है तो त्याग करना होगा. जीती हुई सीट जेडीयू नहीं छोड़ सकती.
बताते चलें कि विपक्षी गठबंधन में सीट शेयरिंग की कवायद भी रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है. दिल्ली में इस पर मंथन चल रहा है. नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि बिहार जैसे राज्यों में सीटों की गुत्थी कैसे सुलझेगी? अलग-अलग राज्यों में लोकसभा सीटों को लेकर कांग्रेस के अपने दावे हैं.
बिहार में कांग्रेस ने जिन सीटों पर दावा किया है, उसे देखते हुए अब यह कहा जा रहा है कि सीट शेयरिंग की गुत्थी लालू यादव और नीतीश कुमार की सहमति के बगैर सुलझती नहीं दिख रही. बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर रविवार को दिल्ली में कांग्रेस और आरजेडी नेताओं की पहली बैठक हुई थी.
इस बैठक में आरजेडी की तरफ से सांसद मनोज झा शामिल हुए थे. मनोज झा की मुकुल वासनिक के आवास पर कांग्रेस नेताओं के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत हुई थी. इस बैठक के बाद मनोज झा ने इशारों में संकेत दिए थे कि बातचीत सार्थक रही लेकिन अब कांग्रेस से सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 10 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए दावा किया है.
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने उन 10 लोकसभा सीटों की लिस्ट भी आरजेडी को सौंपी है. कांग्रेस ने जिन 10 लोकसभा सीटों पर दावा किया है, उनमें किशनगंज और कटिहार के साथ ही सासाराम, सुपौल, पूर्णिया, समस्तीपुर सीट शामिल है. कांग्रेस ने औरंगाबाद, मधुबनी, नवादा और बेतिया लोकसभा सीट पर भी दावा किया है.
कटिहार लोकसभा सीट पर आरजेडी और जेडीयू, इंडिया गठबंधन के दोनों बड़े घटक दल भी दावा कर रहे हैं. फिलहाल, यह सीट जेडीयू के पास है. नवादा, मधुबनी और औरंगाबाद सीट पर भी कमोबेश यही हालात हैं. बेतिया सीट पर भी कांग्रेस के दावे को आरजेडी और जेडीयू कबूल करेंगे? इसे लेकर संशय है.