
बिहार के मुजफ्फरपुर में तलाक के मामलों के निपटारे की प्रक्रिया अब तेजी से हो रही है. सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देश के तहत अब तलाक मामलों का निपटारा एक महीने के भीतर किया जा रहा है. पहले तलाक प्रक्रिया में 6 से 18 महीने तक का समय लगता था, जिसमें दोनों पक्षों को तीन बार काउंसलिंग से गुजरना पड़ता था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि दंपति साथ नहीं रहना चाहते और उनके बीच कोई सुधार की गुंजाइश नहीं है, तो उन्हें 6 महीने तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है.
इस बदलाव का असर अब जिला अदालतों में भी दिखने लगा है. लोक अभियोजक डॉ. संगीता शाही ने बताया कि हाल ही में मुजफ्फरपुर कोर्ट में 15 तलाक के मामलों का निपटारा किया गया है. उन्होंने कहा कि पहले जॉइंट काउंसलिंग से तलाक लेने में 6 महीने का समय लगता था, लेकिन अब कोर्ट के निर्देशानुसार तुरंत आवेदन दिया जाता है और मामला जल्दी सुलझाया जाता है.
तलाक के मामलों की प्रक्रिया में आई तेजी
वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सुबोध कुमार झा ने बताया कि अब तलाक के मामलों में तुरंत न्याय मिलना शुरू हो गया है, जिससे लंबित मुकदमों की संख्या में भी कमी आएगी. पिछले दो महीनों में 50 से अधिक तलाक के मामले कोर्ट में दर्ज हुए हैं, जो यह दर्शाता है कि परिवारों में बिखराव बढ़ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देश के तहत तलाक मामलों का निपटारा
मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके. झा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तलाक की प्रक्रिया सरल और कम समय में पूरी होने लगी है. अब दंपति को छह महीने तक इंतजार नहीं करना पड़ता, जिससे उन्हें मानसिक राहत भी मिल रही है. मुजफ्फरपुर में तलाक मामलों की संख्या में वृद्धि चिंता का विषय तो है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के नए नियम से त्वरित न्याय मिलने से लोगों को राहत भी मिल रही है.