
नवादा के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के कृष्णानगर मांझी टोला में कुछ हमलावरों ने दर्जनों घरों पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी. सामने जो कुछ भी आया सब कुछ जलाते चले गए. इस गांव में अधिकतर घर फूस के झोपड़े थे और कुछ आधे पक्के-कच्चे मकान खड़े थे. सब को हमलावरों के समूह ने रौंद दिया.
जब यहां तबाही मचाई जा रही थी, तब कुछ बच्चे खाना पकने का इंतजार कर रहे थे. काम करके घर लौटे लोग सुस्ता रहे थे और महिलाएं रात का खाना बनाने में जुटी थी. सबकुछ अधूरा रह गया. हमलावरों को जलते चूल्हों की आंच और भी अधिक भड़का दिया. कड़ाही में पक रही सब्जी और पतीले के चावल तक को राख में मिला दिया.
खाने का इंतजार करते भूखे रह गए बच्चे
खाने का इंतजार कर रहे बच्चों को जान बचाने के लिए घरों से भागना पड़ा. रसोई में बैठी मां भी खाने को चूल्हे पर छोड़ बच्चों को छिपाने की जगह ढूंढती रही. महिलाओं, बच्चों, बूढ़े-बुजुर्ग सभी सिर्फ आग से बचने की जगह खोज रहे थे. दबंगों ने सभी को जल्दी घर से भाग जाने को कहा और हर एक चीज आग के हवाले कर दी.
मांझी टोला में सबकुछ जलकर राख
अब इन सैकड़ों लोगों के सिर पर न छत है, न खाने को अनाज और न ही पहनने को दूसरा कपड़ा. आग में सबकुछ जल गया. यहां तक कि इनकी जमापूंजी और पहचान वाले कागज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी सब कुछ आग के हवाले हो गया. अब ये लोग सरकारी टेंट के नीचे दिन काट रहे हैं. आखिर कबतक टेंट के नीचे सरकारी राहत पर गुजारा चलेगा. यह इन हालात के मारों का बड़ा सवाल है.
हमलावरों ने सबकुछ जला दिया...
मांझी टोला के गौतम कुमार ने बताया कि देर शाम 100 के तादाद में हमलावर पहुंचे थे. सभी फायरिंग करते हुए गांव में घुसे और घरों पर पेट्रोल डाल कर आग लगाना शुरू कर दिया. इनके सामने जो कुछ भी आया सबकुछ जलाते चले गए. हमले के वक्त किसी तरह सौ से ज्यादा बच्चों को लेकर सुरक्षित जगह छुपाया दिया.
'जल्दी भागों वरना सबको जला देंगे'
वहीं पीड़िता सुनीता ने बताया कि दबंगों ने पेट्रोल डालकर घरों में आग लगा दी. सारा अनाज जला दिया. घर में रखे पैसे, कपड़े, बर्तन, आधार कार्ड सब जला दिया. जिस वक्त हमलावर घर में घुसे उस समय मैं खाना बना रही थी. बच्चे खाना खाने का इंतजार कर रहे थे. उनलोगों ने हमलोगों को कहा जल्दी यहां से भागो, नहीं तो तुमलोगों को भी जला देंगे.
प्रशासन ने किया 21 घर जलाने का दावा
प्रशासन ने दावा किया है कि यहां 21 घरों को जलाया गया है. वैसे इस टोले में अधिकर फूस के घर थे जो पूरी तरह से जला दिये गए. लोगों ने तिनका-तिनका जोड़कर यहां कच्चे-पक्के घर बनाए थे. अब यहां जन जीवन सामान्य होने में लंबा समय लगेगा. कुछ मकान ऐसे बचे हैं जहां लोग रह सकते हैं. फिर भी अधिकतर घर पूरी तरह से नेस्तनाबूद हो चुके हैं.
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अब सैकड़ों लोगों के सामने खाने के लाले
यहां सैकड़ों लोग अब बेघर हो गए हैं. यहां फायरिंग की गई, फिर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई. सैकड़ों लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. उन्हें टेंट में रात गुजारनी पड़ रही है. पीड़ितों के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है. फिलहाल सरकार की तरफ से यहां राहत सामग्री बांटी जा रही है.