Advertisement

500 और 2000 के नकली नोट बनाने वालों को 7 साल की जेल, बांग्लादेश से जुड़े थे तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने नेपाली और बांग्लादेशी नागरिकों से जुड़े नकली भारतीय नोटों के सिंडिकेट में शामिल होने के मामले में दो लोगों को सात साल की कैद की सजा सुनाई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • पटना,
  • 12 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:05 PM IST

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने नेपाली और बांग्लादेशी नागरिकों से जुड़े नकली भारतीय नोटों के सिंडिकेट में शामिल होने के मामले में दो लोगों को सात साल की कैद की सजा सुनाई है. NIA के एक बयान के अनुसार, यह मामला 3 दिसंबर, 2019 को बिहार के पूर्णिया में सरकारी बस स्टैंड पर मोहम्मद मुमताज से 2,000 रुपये और 500 रुपये के 1,90,500 रुपये के नकली नोटों की जब्ती से संबंधित है.

Advertisement

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बयान में कहा कि विशेष अदालत ने मंगलवार को बांग्लादेशी और नेपाली नागरिकों से जुड़े नोटों की तस्करी के मामले में दो आरोपियों को कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई. इसमें कहा गया है कि बिहार के रहने वाले मुमताज और मोहम्मद बैतुल्लाह को 8,000 रुपये के जुर्माने के साथ सात साल की कैद की सजा सुनाई गई है. 

बांग्लादेश से नकली नोटों की खरीद और तस्करी
NIA को इस मामले में कुल छह आरोपियों की भूमिका का पता चला. बयान में कहा गया है कि मुमताज ने बैतुल्लाह, गुलाम मुर्तजा उर्फ ​​सीटू, सादेक मिया, नेपाल के बिलटू महतो और बांग्लादेश के मोहम्मद मुंशी के साथ मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के उद्देश्य से बांग्लादेश से नकली नोटों की खरीद और तस्करी की साजिश रची थी. 

Advertisement

मुर्तजा की न्यायिक हिरासत में मौत
NIA ने मई 2020 से जुलाई 2021 के बीच सभी छह आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग आरोपपत्रों के जरिए आरोप दायर किए थे. इसमें कहा गया है कि मुकदमे के दौरान मुर्तजा की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई, जबकि महतो और मुंशी को मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया. NIA की जांच के अनुसार, आरोपियों ने मुर्तजा से रुपये लिए और आगे की डिलीवरी के लिए मुमताज को सौंप दी. मुमताज महतो के आदेश पर काम कर रहा था. जांच एजेंसी ने कहा कि मुर्तजा मुंशी से नकली नोटों की खेप एकत्र करता था, जबकि सादेक मिया मुंशी का सहयोगी था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement