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'नीतीश कुमार ने 2022 में लालू यादव से महागठबंधन तोड़ने पर मांगी थी माफी...' RJD नेता तेजस्वी ने किया दावा

शुक्रवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि सीएम नीतीश कुमार ने साल 2022 में एनडीए छोड़ते वक्त मेरे पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से धोखा देने के लिए माफी मांगी थी.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और RJD सुप्रिमो लालू यादव. (फाइल फोटो) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और RJD सुप्रिमो लालू यादव. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • पटना,
  • 17 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:45 AM IST

नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए में शामिल होने के बाद से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. अब शुक्रवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि सीएम नीतीश कुमार ने साल 2022 में एनडीए छोड़ते वक्त मेरे पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से धोखा देने के लिए माफी मांगी थी.

हम उन पर भरोसा नहीं करना चाहते थे: तेजस्वी

तेजस्वी यादव ने समाचार एजेंसी की बात करते हुए कहा कि साल 2022 में एनडीए छोड़ने के वक्त नीतीश कुमार ने माफी मांगने के बाद मेरे माता-पिता को बताया कि बीजेपी उनकी पार्टी को तोड़ने और उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. शुरुआत में हम उन पर फिर से भरोसा करने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन देश भर के नेताओं के साथ बातचीत हुई. जिनमें से सभी की राय थी कि भाजपा के खिलाफ लड़ाई में नीतीश कुमार की भूमिका अहम है. इसके बाद हम उसे गठबंधन के लिए मान गए.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के हिस्से के रूप में बिहार के मोहनिया में एक रैली में बोलते हुए, तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि नीतीश कुमार फिर से "फ्लिप-फ्लॉप" नहीं करेंगे.

तेजस्वी ने आगे कहा कि मैंने उन्हें (नीतीश) को समर्थन देते हुए बोला कि हमने जो साल 2020 के चुनाव में 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया था. वो वादा पूरा करने में हमारी मदद करेंगे. तो नीतीश कुमार ने मजाक में पूछा क्या वह नौकरियों के लिए वेतन देने के लिए लालू यादव के पैसे का इस्तेमाल करेंगे.

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'नीतीश कुमार की नहीं होगी कोई गारंटी'

तेजस्वी ने बीते दिनों बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमने मुख्यमंत्री से पूछा कि कम-से-कम यह बताएं कि वह हमसे मुंह क्यों मोड़ रहे हैं, लेकिन वह कोई कारण नहीं बता सके. हमें आश्चर्य है कि क्या वह ईडी और सीबीआई से डरते हैं.

उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी गारंटी पर गर्व करते हैं, लेकिन वह भी इस बात की गारंटी नहीं दे सकते कि नीतीश कुमार दोबारा पाला नहीं बदलेंगे. जब जनवरी में नीतीश कुमार ने भाजपा से हाथ मिलाया तो उन्होंने कहा कि उनकी योजना स्थायी रूप से एनडीए का हिस्सा बनने की है. उन्होंने यह भी कहा कि वह "जहां मैं था वहीं वापस आ गया हूं" और कहीं भी जाने का कोई सवाल ही नहीं है.

आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने जनवरी में महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए के साथ सरकार बनाते हुए रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

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