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बिहार: केके पाठक ने नहीं दिया इस्तीफा, जानिए क्या है पूरी सच्चाई… 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक फिलहाल अवकाश पर हैं. उनकी जिम्मेदारी सरकार ने दूसरे अधिकारी को दे रखी है. इस बीच गुरुवार को सोशल मीडिया पर यह खबर अचानक से वायरल होने लगी कि केके पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, यह खबर सही नहीं है. जानिए क्या है पूरा मामला.

केके पाठक की फाइल फोटो. केके पाठक की फाइल फोटो.
शशि भूषण कुमार
  • पटना ,
  • 11 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:43 PM IST

अपने कड़े मिजाज के लिए चर्चित बिहार के तेज तर्रार आईएएस अधिकारी केके पाठक को लेकर नई खबर सामने आई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक फिलहाल अवकाश पर हैं. उनकी जिम्मेदारी सरकार ने दूसरे अधिकारी को दे रखी है. केके पाठक 9 जनवरी को अवकाश पर गए थे और 16 जनवरी तक उनके छुट्टी में रहने की आधिकारिक जानकारी सामने आ चुकी है. मगर, अब उनकी छुट्टी पर जाने के बाद एक नया विवाद देखने को मिला है.

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दरअसल, गुरुवार को सोशल मीडिया पर यह खबर अचानक से वायरल होने लगी कि केके पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल खबर के साथ एक सरकारी पत्र भी तेजी से वायरल हो रहा था. इसी पत्र के हवाले से यह चर्चा तेज हो गई कि केके पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 

हालांकि, आजतक इस वायरल लेटर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. पाठक के इस्तीफे की खबर ने इस कदर तूल पकड़ा कि बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने यह तक कह दिया कि काम करने का मन नहीं होगा, इसलिए इस्तीफा दे दिए होंगे.

केके पाठक ने किए हैं विभाग में बड़े बदलाव 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर तैनात केके पाठक में इन दिनों अपने विभाग में बड़े बदलाव किए हैं. सरकारी स्कूलों में अनुशासन को सख्ती के साथ लागू किया गया है. नए शिक्षकों की नियुक्ति के बाद उनसे समय से ड्यूटी कराई जा रही है. साथ ही साथ बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति सुधारने के लिए केके पाठक लगातार निरीक्षण भी करते रहे हैं. 

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9 जनवरी को अवकाश पर गए थे पाठक 

बताते चलें कि केके पाठक 9 जनवरी को अवकाश पर चले गए थे. उनके अवकाश पर जाने के बाद सरकार ने दूसरे अधिकारी को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का प्रभार दिया. मगर, गुरुवार को अचानक से एक लेटर के साथ यह खबर वायरल होने लगी कि केके पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 

इस वायरल लेटर को लेकर जब जानकारी जुटाई गई, तो विभागीय सूत्रों ने बताया कि लंबे अवकाश पर जाने के दौरान किसी भी महत्वपूर्ण पद पर तैनात अधिकारी अपने पदत्याग के प्रारूप वाला फॉर्मेट भरते हैं. केके पाठक ने भी यही किया. मगर, उसे सोशल मीडिया पर इस्तीफा बताकर वायरल कर दिया गया.

बिहार सरकार ने बनाई है सरकारी सेवकों के लिए संहित 

दरअसल, बिहार सरकार ने सरकारी सेवकों के कामकाज के लिए एक संहिता बना रखी है. इस संहिता की अनुसूची संख्या-53 के तहत किसी महत्वपूर्ण पद पर पदस्थापित अधिकारी को लंबी छुट्टी पर जाने से पहले फार्म 202 भरना होता है. इस फार्म में वे अवकाश की अवधि तक के लिए अपने पद का परित्याग करते हैं.  केके पाठक ने भी उसी नियम के तहत पद परित्याग का फार्म भर कर अवकाश लिया है. 

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सरकारी नियमों के मुताबिक, जब वे 16 जनवरी के बाद अवकाश से वापस लौटेंगे, तो फिर से पद संभालने का प्रपत्र भरेंगे. आईएएस अधिकारी हों या आईपीएस अधिकारी हों, उन्हें फॉर्म 202 भरना ही पड़ता है. दरअसल, जब वे छुट्टी पर जाते हैं, तो वह पद रिक्त हो जाता है. ऐसी स्थिति में बगैर पद का स्वेच्छा से त्याग किए हुए अफसर को रिलीव नहीं किया जा सकता. 

केके पाठक ने अवकाश पर जाने के पहले सेवा संहिता के नियमों का पालन किया, लेकिन इस दौरान उनके द्वारा पद परित्याग किया जाने की जानकारी वाला लेटर सोशल मीडिया पर उनके इस्तीफा के रूप में वायरल कर दिया गया और उन्हीं के विभाग के मंत्री ने भी इस पर प्रतिक्रिया दे दी.

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