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अयोध्या पर बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान पर बोली BJP- तो फिर बाबर और अफजल गुरु को पूजो

अयोध्या के राम मंदिर को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता है और स्कूलों का रास्ता प्रकाश का रास्ता है. वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये लोग आने वाले समय में बाबर और अफजल गुरु को पूजेंगे.

नित्यानंद राय और चंद्रशेखर नित्यानंद राय और चंद्रशेखर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर आरजेडी विधायक फतेह बहादुर का समर्थन करते हुए कहा था कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता है, जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता है. उनके इस पर बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि ऐसा लग रहा है आने वाले समय में ये लोग बाबर और अफजल गुरु की तस्वीरें लटकाकर उनकी पूजा करेंगे. 

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नित्यानंद राय ने कहा, ''यह (राम मंदिर) सांस्कृतिक स्वतंत्रता का रास्ता है. मुझे समझ नहीं आता कि उन्हें भगवान राम और राम मंदिर से क्या दुश्मनी है कि वे बार-बार इसका विरोध कर रहे हैं. उनकी जो नीयत और नीति दिख रही है, ऐसा लगता है कि आने वाले समय में वो बाबर और अफजल गुरु की तस्वीरें लटकाएंगे और उनकी पूजा करेंगे.  

उन्होंने कहा, "देश को बाबर, अफजल गुरु या जिन्ना के 'जिन्न' की नहीं, बल्कि अशफाक उल्ला खान और कैप्टन हमीद की जरूरत है. यहां भगवान श्री राम की मर्यादा चाहिए."  

'मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता', बिहार के मंत्री चंद्रशेखर ने किया RJD विधायक फतेह बहादुर का समर्थन 

तेजप्रताप यादव ने पार्टी नेताओं को दी नसीहत 

वहीं चंद्रशेखर और आरजेडी विधायक के बयान को लेकर जब तेजप्रताप यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एक दायरे के अंदर रहकर ही बयान देना चाहिए. उन्होंने कहा, ऐसे बयानों से बचना चाहिए और मानवता के धर्म को बढ़ावा देना चाहिए.

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क्या था पूरा मामला?

बिहार में आरजेडी के विधायक फतेह बहादुर ने पोस्टर लगवाया था, जिसमें कहा गया था कि मंदिर का अर्थ मानसिक गुलामी का मार्ग है, जबकि स्कूल का अर्थ प्रकाश की ओर जाने का मार्ग है. पोस्टर में राजद संस्थापक लालू प्रसाद और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की तस्वीरें थीं, लेकिन पार्टी ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया.  

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने क्या कहा था? 

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आरजेडी विधायक फतेह बहादुर के मंदिर वाले पोस्टर का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी नहीं बल्कि हमारी मां सावित्री बाई फुले की बात को दोहराया है. रोहतास के डेहरी में एक कार्यक्रम में पहुंचे चंद्रशेखर ने कहा कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता है, जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता है. 

शिक्षामंत्री ने कहा, "फतेह बहादुर ने अपनी बात नहीं बोली बल्कि उन्होंने तो हमारी माता सावित्री बाई फुले जो देश की पहली महिला शिक्षिका थी, उन्हीं की बात को दोहराया है. लेकिन षड्यंत्रकारियों ने उनके गले की कीमत लगा दी. उन्होंने आगे कहा कि अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं देगा, शहीद जगदेव प्रसाद का बेटा अब आहूति नहीं देगा. अब आहूति लेना जानता है." 

उन्होंने आगे कहा, "षड्यंत्रकारी याद रखें बहुजन लोगों का इतना पसीना बहेगा कि समुंदर बन जाएगा और विरोधी सात समुंदर पार खड़े नजर आएंगे. जो सीख यहां के लोगों को आज मिली है. इससे लोग जगेंगे और ऐतिहासिक परिवर्तन करेंगे." 

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