
बिहार में समस्तीपुर जिले (Samastipur) के कोठिया गांव का माहौल गमगीन है. दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में इस गांव के एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई. हादसे की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
जानकारी के अनुसार, इस गांव के रहने वाले विजय साह, उनकी पत्नी कृष्णा देवी और पोती सुरुचि कुमारी महाकुंभ में संगम स्नान करने के लिए दिल्ली गए थे. मृतक विजय साह के पुत्र मुकेश कुमार दिल्ली में कबाड़ का काम करते हैं. ये सभी लोग मुकेश के पास ही जाकर रुके थे. दिल्ली में एक दिन रुकने के बाद प्रयागराज जाने के लिए 15 फरवरी को दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे, लेकिन भीड़ इतनी अधिक थी कि भगदड़ मच गई और इसी दौरान तीनों की दर्दनाक मौत हो गई.
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मृतकों के परिजनों ने बताया कि देर रात करीब 1 बजे मुकेश कुमार ने अपनी बहन काजल को फोन कर माता-पिता के आधार कार्ड की मांग की, लेकिन उन्होंने हादसे की जानकारी नहीं दी. सुबह जब मृतक के दामाद मनोज कुमार साह समस्तीपुर के कोठिया गांव पहुंचे, तब परिवार को इस दर्दनाक घटना के बारे में पता चला.
डेडबॉडी लेकर दिल्ली से रवाना हुए परिजन
मृतक के पुत्र मुकेश कुमार ने अपने जीजा मनोज कुमार साह को फोन पर जानकारी दी कि वे तीनों शवों को लेकर एम्बुलेंस से समस्तीपुर के लिए रवाना हो चुके हैं. परिवार अब सिर्फ अपनों के शवों के आने का इंतजार कर रहा है. रेलवे प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है. हालांकि, इस हादसे ने कई परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है. स्थानीय प्रशासन से लेकर रेलवे तक पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी भीड़ के बावजूद पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए थे?