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लड़कियों को 50 हजार की नौकरी का वादा, सिगरेट से दागा फिर बेल्ट से पिटाई...बिहार के 'अय्याशी गैंग' की पूरी कहानी

मुजफ्फरपुर में नौकरी के नाम पर लड़कियों के यौन शोषण के मामले में पीड़िता ने बड़ा खुलासा किया है. एक पीड़िता ने बताया कि उन्हें 50 हजार रुपये तक सैलरी का झांसा देकर वहां रखा था. आरोपी फर्म के मालिक न सिर्फ उनका यौन शोषण करते थे बल्कि टार्गेट पूरा नहीं होने पर सिगरेट से दागा जाता था और बेल्ट से उनकी पिटाई होती थी.

पीड़ित लड़कियों ने खोली फर्जी फर्म की पोल पीड़ित लड़कियों ने खोली फर्जी फर्म की पोल
मणि भूषण शर्मा
  • मुजफ्फरपुर,
  • 18 जून 2024,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST

बिहार के मुजफ्फरपुर में नौकरी के नाम पर लड़कियों के यौन शोषण का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. अच्छी जॉब के बहाने कई युवतियों को महीनों तक बंधक बनाकर रखने और उनके यौन उत्पीड़न करने के आरोप में नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पीड़ित लड़कियों को फ्रॉड कॉल का टारगेट पूरा नहीं करने पर सिगरेट से दागा जाता था और बेल्ट से उनकी पिटाई की जाती थी.

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50 हजार तक की नौकरी का झांसा

आरोपियों के चंगुल से फरार होकर कोर्ट पहुंची एक पीड़िता ने बताया कि इस फर्जी कंपनी के लोग 10वीं और 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों को खासतौर पर अपने जाल में फंसाते थे और उन्हें अच्छी जॉब और 50 हजार रुपये तक सैलरी का लालच देकर मुजफ्फरपुर अपने पास बुलाते थे. जहां इन लड़कियों को रखा जाता था वहां उन्हें आपस में बात करने की इजाजत नहीं थी.

एक पीड़िता ने कहा कि विरोध करने पर भाई की हत्या और अपहरण की धमकी तक दी गई और उन्हें नशा देकर उनकी पिटाई की जाती थी. उन्हें कंपनी के फर्जीवाड़े और आरोपियों की गलत नीयत का तब पता चला जब एक दिन वहां पुलिस की रेड पड़ी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.

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फेसबुक के जरिए लड़कियों को फंसाता था फर्म संचालक

पीड़िता ने बताया कि तिलक प्रताप सिंह नाम के प्रमुख आरोपी ने फेसबुक के जरिए उससे संपर्क किया था और यहां नौकरी के लिए पहुंची तो लोगों को फ्रॉड कॉल करने की ट्रेनिंग दी जाने लगी. उसने कहा कि ऐसे 200-250 लोग थे जिन्हें इस गोरखधंधे में लगाया गया था. 

एक पीड़िता ने पुलिस को यह भी बताया कि जब भी वो अपना सैलरी मांगती थीं, तो आरोपी उन्हें बताते थे कि वो अब फर्म का हिस्सा हैं. अंत में एक लड़की भागने में सफल रही और कोर्ट पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई. पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने शुरू में उसकी शिकायत सुनने से इनकार कर दिया और इसी वजह से उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया. 

कोर्ट के एफआईआर दर्ज करने के आदेश के बाद मामला आया सामने

पीड़िता के मुताबिक जब मुजफ्फरपुर के दफ्तर में छापा पड़ा तो आरोपी उसे लेकर हाजीपुर चले गए और वहां जबरदस्ती एक आरोपी से उसकी शादी करा दी गई.  पुलिस के मुताबिक इस मामले के सभी आरोपी एक जाली मार्केटिंग फर्म  डीवीआर से जुड़े हुए थे और उसी के जरिए लड़कियों को जॉब और अच्छी सैलरी का झांसा देकर फंसाया जाता था. 

केस दर्ज करने के बाद से सभी आरोपी फरार

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इस मामले को लेकर डिप्टी एसपी विनीता सिन्हा ने कहा, 'सभी नौ आरोपी फरार हैं और पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. बता दें कि कोर्ट के आदेश पर यह केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के चंगुल से किसी तरह बचकर भागी एक पीड़िता की शिकायत पर नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.'

डिप्टी एसपी विनीता सिन्हा ने कहा, 'हमने शिकायतकर्ता के साथ-साथ कई अन्य पीड़िताओं का बयान दर्ज किया है जिससे पता चला कि आरोपी ने पहली बार जून 2022 में सोशल मीडिया के माध्यम से लड़कियों से संपर्क किया था और उन्हें अच्छी नौकरी पाने के लिए मुजफ्फरपुर आने के लिए कहा था.'

अधिकारी ने कहा, 'जब पीड़ित लड़की मुजफ्फरपुर आई, तो उसे पहले एक कमरे में रखा गया था जहां कई अन्य लड़कियां भी रह रही थीं. बाद में, उन्हें एक अज्ञात स्थान पर रखा गया जहां सभी लड़कियां कॉल कर लोगों को आकर्षक नौकरियों का झांसा दिया करती थीं. इसके बाद सभी आरोपी पीड़ित लड़कियों के साथ ही रहने लगे.'

पुलिस ने पहले दर्ज क्यों नहीं किया केस इसकी भी जांच: डिप्टी एसपी

उन्होंने कहा, 'आरोपियों ने पीड़ितों को बंधक बना लिया था और न सिर्फ उनका यौन शोषण करता था बल्कि उनकी पिटाई भी की जाती थी. न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक  शिकायतकर्ता और अन्य पीड़ितों को शादी के लिए भी मजबूर किया गया था.' यौन शोषण से प्रग्नेंट होने के बाद कई युवतियों का गर्भपात भी कराया गया था. वहीं डिप्टी एसपी सिन्हा ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी कि पुलिस ने पहले ही उनकी शिकायत क्यों दर्ज नहीं की.

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