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Bihar: बेगूसराय में वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ प्रदर्शन, अलविदा जुमे की नमाज में काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

बेगूसराय में वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने अलविदा जुम्मा की नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर नमाजियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बिल को किसी भी हाल में लागू नहीं होने देंगे और जरूरत पड़ी तो जेल भरो आंदोलन भी करेंगे.

काली पट्टी बांधकर अलविदा जुमे की नमाज पढ़ी गई काली पट्टी बांधकर अलविदा जुमे की नमाज पढ़ी गई
सौरभ कुमार
  • बेगूसराय ,
  • 28 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

बिहार के बेगूसराय में वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में अलविदा जुमे की नमाज के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी और बिल को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में वक्फ बिल वापस लो लिखी तख्तियां पकड़कर सरकार के खिलाफ विरोध जताया.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशभर के मुसलमानों से अपील की थी कि रमजान के आखिरी जुम्मे पर काली पट्टी बांधकर मस्जिद आएं और शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज करें. इसी अपील का असर बेगूसराय में भी देखने को मिला, जहां सैकड़ों लोगों ने अलविदा जुम्मा की नमाज के दौरान विरोध प्रदर्शन किया.

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अलविदा जुमे की नमाज काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी गई

नमाज अदा करने के बाद मस्जिद के बाहर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बिल को वापस लेने की मांग दोहराई. उन्होंने कहा कि जब तक बिल वापस नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वक्फ बोर्ड बिल में कई खामियां हैं, जो मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को अनदेखा किया, तो वे सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे.

वक्फ बिल वापस लो लिखी तख्तियां पकड़कर जताया विरोध

विरोध कर रहे लोगों ने साफ कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे जेल भरो आंदोलन करेंगे, लेकिन इस बिल को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि इस आंदोलन को हिंदू समुदाय और अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है. उन्होंने जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो नीतीश कुमार की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे और अब मुसलमानों के विरोध में बयानबाजी कर रहे हैं. मुस्लिम समुदाय का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो विरोध प्रदर्शन तेज होगा. फिलहाल, इस मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं.

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