लालू, नीतीश और बीजेपी के राज में साढ़े 3 दशक गुजारने वाले बिहार में गरीबी का दर्दनाक चेहरा सामने आया है. जहां जाति आधारित जनगणना का क्रेडिट सभी लेना चाहते हैं, आंकड़े बताते हैं कि उसी बिहार में हर जाति के 34 फीसदी परिवार महीने के 6000 कमा पाते हैं. वहीं, अब भी 50 लाख से ज्यादा बिहारी नागरिक रोजी रोटी के लिए राज्य के बाहर रहते हैं. देखें रिपोर्ट.