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आम बजट में काला धन रखने वालों के लिए एक और माफी योजना

लोकसभा में 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि काला धन रखने वालों के लिए नई क्षमा योजना लागू की जाएगी.

बेहिसाबी धन का 45 फीसदी भुगतान कर लोग बच सकते हैं बेहिसाबी धन का 45 फीसदी भुगतान कर लोग बच सकते हैं
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 29 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:32 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को बजट भाषण में काला धन रखने वालों के लिए एक नई क्षमा योजना की घोषणा की. इसके तहत कुल बेहिसाबी धन का 45 फीसदी भुगतान कर ऐसे लोग साफ बच सकते हैं. लोकसभा में 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि काला धन रखने वालों के लिए नई क्षमा योजना लागू की जाएगी.

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सिंगल विंडो स्कीम के जरिए होगा संचालन
जेटली ने कहा कि सरकार ने एक अनुपालन खिड़की की व्यवस्था की है. यहां घरेलू करदाता पहले कर नियमों को तोड़कर जमा किए गए अपने काले धन की घोषणा कर सकते हैं. इसके अलावा कुल रकम का 45 फीसदी भुगतान (30 फीसदी कर, 7.5 फीसदी सेस और 7.5 फीसदी जुर्माना) अदा कर पाक साफ हो सकते हैं.

उद्योगपतियों ने कहा- सकारात्मक पहल
केंद्रीय वित्त मंत्री की इस पहल पर नांगिया एंड कंपनी के साझेदार सूरज नांगिया ने कहा कि इस योजना के जरिए सरकार ने घरेलू काला धन पर दोतरफा हमला किया है. एक ओर इससे काला धन इकट्ठा करने पर रोक लगेगी, दूसरी और कर चुराने वालों से कहा है कि वे अज्ञात स्रोत से जमा धन और कमाई की घोषणा कर पाक साफ हो सकते हैं.

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काला धन रखने वालों को बड़ी माफी
उन्होंने कहा कि सरकार नियमों में बदलाव जैसे नकद लेन-देन को निरुत्साहित कर और पैन नंबर को बैंक खाता खोलने को लेकर बड़ी खरीदारी तक अनिवार्य बनाकर घरेलू काला धन के खतरे को रेखांकित कर रही है. नांगिया ने कहा कि नई क्षमा योजना घरेलू काला धन के खतरे को मिटा देने की दिशा में एक और रचनात्मक कदम है.

रकम का खुलासा करें, तो नहीं होगी कार्रवाई
जेटली ने कहा कि इस योजना के तहत आय की जो घोषणा की जाएगी उसके बारे में आय कर अधिनियम या संपत्ति कर अधिनियम के तहत कोई जांच या पूछताछ नहीं होगी. साथ ही घोषणा करने वालों के खिलाफ भी कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. इतना ही नहीं बेनामी लेन-देन अधिनियम 1988 से भी बचाव का प्रस्ताव इस योजना के तहत किया गया है.

काले धन वालों को दो महीने का अल्टीमेटम
इस योजना के तहत काला धन की घोषणा करने वालों से 7.5 प्रतिशत फीस लिया जाएगा. इसे कृषि कल्याण सेस कहा जाएगा. इससे मिले रकम का उपयोग कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए किया जाएगा. भारत सरकार इस योजना को 1 जून से 30 सितंबर, 2016 तक जारी रखने की योजना बना रही है. काला धन रखने वालों को घोषणा के दो महीने के भीतर रकम का भुगतान करने का विकल्प दिया गया है.

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