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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को आम बजट में किसानों के लिए खास घोषणाएं कीं. यह मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट है. जानिए, किसानों के लिए क्या प्रमुख घोषणाएं रहीं-
ये हैं किसानों के लिए अहम बातें
वित्त मंत्री ने कहा, हमारी कोशिश है कि-
किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी हो.
कृषि उत्पादन के लिए किसानों को उचित दाम मिलें.
रिकॉर्ड खाद्यान्न हुआ है. 2016-17 में 275 मीट्रिक टन खाद्यान्न और 300 मीट्रिक टन फलों और सब्जियां पैदा हुईं.
किसानों को अपने उत्पाद की लागत से डेढ़ गुना कीमत मिले.
सभी खरीफ की फसलों का मूल्य लागत से डेढ़ गुना करने की घोषणा करते हैं, ताकि किसानों की आय दोगुनी हो सके.
देखिए, आम बजट में किस सेक्टर को क्या मिला
संस्था तय करेगी किसानों की फसल के दाम
नीति आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर किसानों को फसल के उचित दाम दिलाएगा.
सभी मंत्रालयों के अधिकारियों को शामिल कर उर्वरकों के इस्तेमाल और मौसम के अनुमान और निर्यात को लेकर अहम फैसले किए जाएंगे.
भीम एप के जरिए किसानों को सीधे फसल बिक्री की जानकारी दी जाएगी. दूरस्थ किसानों के घरों को सड़कों से जोड़कर फसल को बिक्री केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा.
फसलों के अवशेषों को हटाने के लिए सब्सिडी दी जाएगी ताकि इन्हें जलाने से वाय प्रदूषण न फैले.
कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए क्ल्सटर मॉडल अपनाए जाएंगे.
470 एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी (APMC)को ईनैम नेटवर्क से जोड़ लिया गया है. बाकियों को मार्च 2018 तक जोड़ लिया जाएगा.
ऑर्गेनिक खेती पर सरकार का जोर
सरकार ने ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया है और आगे भी महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को इस तरह की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
सरकार का मकसद कम लागत वाली खेती को बढ़ावा देना है. इसलिए सभी फसलों की एमएसपी डेढ़ गुना किया जाएगा.
यहां हुए हैं आवंटन
फिशरी और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड और एनीमल हजबैंड्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड गठित किया जाएगा. इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा.
टमाटर, प्याज और आलू ने किसानों को पिछले दिनों में बहुत परेशान किया है. लिहाजा केन्द्र सरकार 5000 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट के जरिए किसानों को इस परेशानी से बचाने का उपाय करेगी.
बैम्बू के लिए नैशनल बैम्बू मिशन लॉन्च किया जाएगा. इसके लिए 1290 करोड़ रुपये रखे जाएंगे.
कृषि संबंधी गतिविधियों के लिए क्रेडिट सीमा 10 लाख करोड़ से बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये की गई.
कृषि बाजार को विकसित करने के लिए 2000 करोड़ का एग्री-मार्केट डेवलपमेंट फंड गठित किया जाएगा.
फूड प्रोसेसिंग को बढ़ाने के लिए इसका आवंटन दोगुना किया गया है.
ग्राउंड वॉटर इरिगेशन में हर खेत को पानी देने का लक्ष्य है. इसके लिए 1600 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं.