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एक अप्रैल के बाद ईपीएफ में जमा राशि में से 60 प्रतिशत पर लगेगा कर

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में ईपीएफ तथा अन्य योजनाओं में सभी स्तरों पर छूट की पुरानी व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एक अप्रैल 2016 के बाद किये गये योगदान पर अंतिम निकासी के समय 60 प्रतिशत योगदान पर सेवानिवृत्ति कर लगाने का प्रस्ताव किया है.

बजट में पीएफ की निकासी पर कर लगाने का प्रस्ताव बजट में पीएफ की निकासी पर कर लगाने का प्रस्ताव
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 29 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 10:23 PM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में ईपीएफ तथा अन्य योजनाओं में सभी स्तरों पर छूट की पुरानी व्यवस्था में बदलाव लाते हुए एक अप्रैल 2016 के बाद किये गये योगदान पर अंतिम निकासी के समय 60 प्रतिशत योगदान पर सेवानिवृत्ति कर लगाने का प्रस्ताव किया है. फिलहाल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाएं पूरी तरह कर छूट के दायरे में आती हैं. ये योजनाएं ‘इग्जेम्प्ट-इग्जेम्प्ट-इग्जेम्प्ट’ (ईईई) के अंतर्गत आती हैं. यानी जमा, ब्याज तथा निकासी तीनों पर कर छूट का प्रावधान है.

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विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाओं पर समान कर व्यवहार के इरादे से बजट में एक अप्रैल 2016 के बाद कर्मचारियों के मान्यता प्राप्त भविष्य निधि तथा सेवानिवृत्ति कोष में जमा राशि में से 40 प्रतिशत तक की निकासी पर कोई कर नहीं लगेगा.

इसमें कहा गया है कि एक अप्रैल 2016 या उसके बाद सेवानिवृत्ति योजनाओं में किये गये योगदान पर जमा राशि की निकासी 40 प्रतिशत के अलावा शेष पर कर लगेगा.

धारा 80सीसीडी के मौजूदा प्रावधानों के तहत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से निकासी राशि पर कर लगता है.

पेंशन युक्त समाज की ओर बढ़ने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘पेंशन योजनाएं वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं. मुझे विश्वास है कि परिभाषित लाभ और परिभाषित योगदान वाली पेंशन योजनाओं के मामले में कर व्यवहार समान होना चाहिए.’

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वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं नेशनल पेंशन सिस्टम के मामले में 40 प्रतिशत तक निकासी पर कर छूट का प्रस्ताव करता हूं. सेवानिवृत्ति कोष और ईपीएफ समेत मान्यता प्राप्त भविष्य निधि के मामले में भी एक अप्रैल 2016 के बाद के योगदान से सृजित कुल कोष में 40 प्रतिशत कोष कर मुक्त होगा.’ मंत्री ने यह भी कहा कि पेंशनभोगी की मौत के बाद उसके कानूनी वारिस को मिलने वाली राशि पर कोई कर नहीं लगेगा.

उन्होंने मान्यता प्राप्त भविष्य निधि और सेवानिवृत्ति कोषों में कर लाभ के लिये नियोक्ताओं का योगदान सालाना 1.5 लाख रुपये तक सीमित रखने का प्रस्ताव किया है.

मंत्री ने नेशनल पेंशन सिस्टम द्वारा उपलब्ध सेवानिवृत्ति सेवाओं तथा ईपीएफओ द्वारा कर्मचारियों को दी जाने वाली सेवाओं को सेवा कर से मुक्त करने का भी प्रस्ताव किया.

सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा कर्मचारियों को दी जाने वाली सेवाओं पर 14 प्रतिशत सेवा कर को समाप्त किया जा रहा है.

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