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बजट 2019: आयुष्मान भारत ने दिलाए अच्छे वोट, क्या दायरा बढ़ाएगी मोदी सरकार?

आयुष्मान भारत योजना के लिए अब भी बजट काफी कम है और देश की आबादी का बड़ा हिस्सा इसके लाभ से वंचित है. इस बार बजट में सबकी नजर इस पर रहेगी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आयुष्मान के बारे में क्या घोषणाएं करती हैं.

आयुष्मान भारत से और बढ़ी बीजेपी की लोकप्रियता आयुष्मान भारत से और बढ़ी बीजेपी की लोकप्रियता
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2019,
  • अपडेटेड 3:27 PM IST

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत की एक बड़ी वजह मोदी सरकार की समाज कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाएं रही हैं. इनमें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY या आयुष्मान भारत) योजना भी शामिल है जिससे 50 करोड़ लोगों को फायदा मिलने का अनुमान है. लेकिन इस बड़ी योजना के लिए अब भी बजट काफी कम है और देश की आबादी का बड़ा हिस्सा इसके लाभ से वंचित है. तो इस बार बजट में सबकी नजर इस पर रहेगी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आयुष्मान के बारे में क्या घोषणाएं करती हैं. क्या इसका बजट बढ़ेगा? क्या योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें मध्यम वर्ग के गरीब लोगों को भी शामिल किया जा सकेगा? इन सबका जवाब 5 जुलाई को मिलेगा, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी.

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गौरतलब है कि 23 सितंबर 2018 को लॉन्च हुए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक फ्री इलाज की सुविधा दी जा रही है. मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम आयुष्मान भारत हेल्थकेयर सेक्टर में शुरू होने वाले अब तक के सबसे बड़े सामाजिक अभि‍यानों में से है. इससे देश के 50 करोड़ लोगों को फायदा मिलने का अनुमान है.

इस साल के अंतरिम बजट में सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 63,298 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जिसमें से आयुष्मान भारत के लिए 6400 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है.  यह इसके पिछले साल के 2,400 करोड़ रुपये के बजट से 166 फीसदी ज्यादा है.

लेकिन खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. वहां की संपूर्ण आबादी की जरूरतें पूरी करने के लिहाज से स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे पर्याप्त नहीं हैं. सरकार ने इस योजना के तहत ही डेढ़ लाख हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों की स्थापना करने का निर्णय लिया है, जिसके द्वारा गरीबों को इलाज का फायदा मिलेगा. इसलिए इतने कम बजट में इस व्यापक बुनियादी ढांचे की स्थापना संभव नहीं हो सकती. इसके लिए भारी बजट की जरूरत है और इस बजट आवंटन में हो रही देरी से योजना का फायदा सभी लाभार्थ‍ियों तक पहुंचने में भी काफी देरी होगी.

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क्या दायरा बढ़ेगा

यह मांग भी की जा रही है कि इस योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें लोअर मिडल क्लास को भी शामिल करने की भी कोशिश करनी चाहिए, जिसने बड़े पैमाने पर बीजेपी को वोट दिया है. इस योजना का दायरा बढ़ाने की कुछ हद तक कोशिश भी शुरू की गई है. कुछ राज्यों में इसके लिए पहल हुई है. केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले स्वास्थ्य बीमा को भी आयुष्मान योजना में विलय किया जाना है. कई जगह इसे ऐसी योजना बनाने की कोशि‍श है, जिसमें एक ही योजना के तहत जिले की 75 फीसदी तक आबादी को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके. अब देखना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बारे में क्या घोषणाएं करती हैं.  

क्या है ये योजना?

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का उद्देश्य आर्थ‍िक तौर पर कमजोर व्यक्ति को हेल्थ कवर मुहैया कराना है. इस योजना का मकसद हर आर्थ‍िक तौर पर कमजोर शख्स को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देना है. इस योजना के तहत आपके अस्पताल का खर्च, डे केयर सर्जरी, फॉलो-अप केयर, अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद में इलाज का खर्च, नवजात के स्वास्थ्य जांच व सेवा जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी.

किन लोगों को मिलता है इस योजना का लाभ

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इस योजना का लाभ 10.74 करोड़ परिवारों को मिलेगा. इन परिवारों को सामाजिक-आर्थ‍िक जाति जनगणना (SECC) के आधार पर चुना जाता है. इसमें ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवार और शहरी क्षेत्र के आर्थ‍िक तौर पर कमजोर परिवारों को शामिल किया गया है. जिन परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा.

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