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बजट: एजुकेशन लोन मिलना नहीं होता आसान, छात्र-छात्राओं को राहत की उम्मीद

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को आम बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट में एजुकेशन लोन से जुड़े फैसले होने की उम्‍मीद है.

निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को आम बजट पेश करने वाली हैं (इंडिया टुडे आर्काइव) निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को आम बजट पेश करने वाली हैं (इंडिया टुडे आर्काइव)
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 03 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

आजकल प्रोफेशनल पढ़ाई में एजुकेशन लोन काफी अहम भूमिका निभाता है. आप एजुकेशन लोन लेकर पैसों के अभाव में भी आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं लेकिन छात्रों के लिए एजुकेशन लोन पर ब्‍याज दर का बोझ और लोन लेने की प्रोसेस से परेशानी बढ़ जाती है. हालांकि छात्र-छात्राओं को इस बात की उम्‍मीद है कि आगामी 5 जुलाई को पेश होने वाले आम बजट में सरकार एजुकेशन लोन और उसके ब्‍याज दर से जुड़े अहम फैसले ले सकती है.   

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एजुकेशन लोन के बारे में

एजुकेशन लोन में मुख्‍य तौर पर कोर्स की बेसिक फीस और कॉलेज के दूसरे खर्च कवर होते हैं. इस लोन के लिए पढ़ाई करने वाला छात्र या उनके माता-पिता अप्‍लाई कर सकते हैं. अधिकतर बैंक स्‍कूली पढ़ाई या उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन दे रहे हैं. इसके अलावा विदेश जाने वाले छात्रों के लिए भी बैंकों द्वारा एजुकेशन लोन मुहैया कराया जाता है. लोन लेकर फुल टाइम, पार्ट टाइम या वोकेशनल कोर्स किये जा सकते हैं. इसके अलावा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट और आर्किटेक्चर आदि में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए लोन लिया जा सकता है.

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बता दें कि लोन की रकम और ब्‍याज दर बैंक पर निर्भर करते हैं. रकम और रीपेमेंट की अवधि के हिसाब से एजुकेशन लोन की ब्‍याज दर तय होती है. रिजर्व बैंक के मुताबिक एजुकेशन लोन के लिए उम्र की अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन कुछ बैंकों ने सीमा तय कर रखी है. वहीं लोन की जरूरत के हिसाब से बैंक 100 फीसदी तक फाइनेंस कर सकते हैं. हालांकि भारत में पढ़ाई करने के लिए लोन की रकम का 5 फीसदी तक और विदेश में पढ़ाई के लिए 15 फीसदी मार्जिन मनी देनी होती है. इसके अलावा लोन की रकम बढ़ने की स्थिति में बैंक कुछ गिरवी रखने के लिए बोल सकते हैं.

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अंतरिम बजट में छात्र-छात्राओं के लिए क्‍या था ?

बीते फरवरी महीने में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था. इस बजट में स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए संयुक्त रूप से 93,847.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के लिए 56 हजार 386 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ. बता दें कि पिछले साल 50,000 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. पीयूष गोयल ने उच्च शिक्षा विभाग के लिए 37 हजार 461.01 करोड़ रुपये आवंटित किए.

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