
केंद्र की मोदी सरकार अपने इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने जा रही है. चुनावी साल में मोदी सरकार का ये अंतरिम बजट होगा. वित्त मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश करेंगे. यह बजट सरकार के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव से पहले कुछ लोकप्रिय घोषणाएं की जा सकती हैं. चुनावी साल होने के कारण देश की जनता भी पीयूष गोयल की ओर उम्मीदों से देख रही है. ऐसे में सरकार मीडिल क्लास के लोगों को बड़ी राहत दे सकती है. सरकार इनकम टैक्स में छूट की सीमा और बढ़ा सकती है.
टैक्स सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक किया जा सकता है. इसके अलावा आयकर के स्लैब में बदलाव हो सकता है. स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 40 हजार रुपये से ज्यादा बढ़ाई जा सकती है. वहीं होम लेन पर ब्याज में बजट से राहत भी मिल सकती है.
बता दें कि अंतरिम बजट में सीमित समय के लिए जरूरी सरकारी खर्च की अनुमति होती है और इसके बाद नई सरकार पूरा बजट पेश करती है. इससे पहले यूपीए 2 सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अंतरिम बजट पेश किया था. इस दौरान उन्हें कई लोकलुभावन योजनाओं का ऐलान किया था.
2018 के बजट में लोग हुए थे निराश
बजट 2018 की बात करें तो इस बार लोगों को निराशा हाथ लगी थी. सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था. वहीं सरकार ने सेस बढ़ा दिया था.
देश में 60 करोड़ से ज्यादा मीडिल क्लास
एक अनुमान के मुताबिक पिछले 15 वर्षों में देश में मिडिल क्लास 60 करोड़ से ज्यादा हो गया है. देश की करीब आधी आबादी मीडिल क्लास की है. बावजूद इसके बीजेपी इस वर्ग की अपेक्षा कर रही है तो इसका कारण है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आम चुनाव को देखते हुए सरकार मिडिल क्लास को उपेक्षित करने का जोखिम ले रही है और ग्रामीण विकास पर ध्यान दे रही है. भारतीय जनता पार्टी यह मानकर चल रही है कि मिडिल क्लास उसका परंपरागत वोटर है और वह उससे दूर नहीं जाएगा. ऐसा मान लिया गया है कि मिडिल क्लास के पास मोदी के अलावा और कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि यह वर्ग मोदी को पसंद करता है.
बजट पर ताज़ा अपडेट्स के लिए BUDGET लिखकर 52424 पर SMS करें. एयरटेल, वोडाफ़ोन और आइडिया यूज़र्स. शर्तें लागू