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मोबाइल वॉलेट का बढ़ रहा इस्तेमाल, बजट में क्‍या होगा खास?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद से मोबाइल वॉलेट यूजर्स की संख्‍या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि इसके साथ ही कई चुनौतियां भी सामने आई हैं.

मोबाइल वॉलेट यूजर्स की संख्‍या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव) मोबाइल वॉलेट यूजर्स की संख्‍या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव)
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 03 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 3:14 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के ड्रीम प्रोजेक्‍ट्स की जब भी बात होती है तो उनमें ''डिजिटल इंडिया'' का जरूर जिक्र होता है. दरअसल, सरकार ने साल 2015 में इस मुहिम की शुरुआत की थी. इसके बाद साल 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया.

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नोटबंदी के बाद से लोगों का रुझान ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन में बढ़ा है और इसमें भी मोबाइल वॉलेट यूजर्स की संख्‍या में बढ़ोतरी हुई है. इसके साथ ही चुनौतियां भी बढ़ी हैं. मोबाइल वॉलेट से फ्रॉड की समस्‍या ने सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है. ऐसे में इस बात की संभावना है कि सरकार आम बजट में मोबाइल वॉलेट को लेकर नियम ला सकती है.

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नोटबंदी के बाद ई-मनी का प्रचलन बढ़ा

बता दें कि साल 2016 के नवंबर में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने से देश में ई-मनी का प्रचलन बढ़ा था. आरबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में ई-मनी यूजर्स की संख्‍या 21.5 फीसदी हो गई, जबकि साल 2012 में यह महज 0.8 फीसदी था. आरबीआई की 'बेंचमार्किंग इंडियाज पेमेंट सिस्टम्स' नाम की रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2017 में 345.9 करोड़ ई-मनी लेन-देन के साथ भारत सिर्फ जापान और अमेरिका से पीछे है.

बीते जून महीने की इस रिपोर्ट में नोटबंदी को ई-मनी के लिए 'गेमचेंजर' करार दिया गया है, जिससे देश में ई-मनी को बढ़ावा मिला. रिपोर्ट में बताया गया कि जहां मध्यम से उच्च मूल्य वाले लेनदेन अभी भी डिजिटल बैंकिंग चैनल और चेकों के माध्यम से हो रहे हैं, वहीं, कम मूल्य के दैनिक लेन-देन ई-मनी से होने लगे हैं.  इस अध्ययन में पाया गया कि बात जब ऑनलाइन लेनदेन के लिए ई-मनी की आती है, तो भारत अन्य विकसित देशों से काफी दूर है.

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क्‍या कहते हैं ट्रांजेक्शन से जुड़े आंकड़े

नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के आंकड़ों की मानें तो वित्त वर्ष 2018-19 में कुल 1700 करोड़ ट्रांजेक्शन हुआ है. इसमें से एक तिहाई ट्रांजेक्शन यूपीआई सिस्टम से किए गए हैं. इस दौरान यूपीआई से 535 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए हैं. इन ट्रांजेक्‍शन के जरिए 1.36 लाख अरब रुपये का लेन-देन हुआ है.

पीडबल्यूसी-एसोचैम की रिपोर्ट कहती है कि 2023 तक देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन 9.44 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. अभी यह करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये का है. एक अनुमान के अनुसार 2020 तक देश में 50 करोड़ मोबाइल वॉलेट उपभोक्ता होंगे.

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