
केंद्र की मोदी सरकार ने न्यू इंडिया का नारा दिया है. सरकार अगले 5 साल में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है. लेकिन इसके लिए पैसा कहां से आएगा? बजट में सरकार ने साफ कर दिया कि न्यू इंडिया के लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है.
दरअसल न्यू इंडिया के इस बजट के लिए अमीर आदमी को अपना दिल बड़ा, और जेब ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि अमीरों की कमाई पर लगने वाला सरचार्ज बढ़ा दिया गया है. अब करीब-करीब उनकी आधी कमाई टैक्स में जाएगी. हालांकि दूसरी तरफ सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स का दायरा बढ़ाकर राहत देने की कोशिश की है.
सरकारी खजाने में आएंगे 12 हजार करोड़
वित्त मंत्री ने कहा कि सर्वाधिक कमाई करने वाले लोगों को देश के विकास के साथ-साथ राजस्व जुटाने में और ज्यादा योगदान करने की जरूरत है. 2 से 5 करोड़ रुपये तक सालाना कमाने वालों को 3 फीसदी अतिरिक्त सरचार्ज देना होगा. जबकि 5 से 7 करोड़ रुपये तक सालाना कमाने वालों को 7 फीसदी अतिरिक्त सरचार्ज देना होगा.
इस हिसाब से अब 2 से 5 करोड़ रुपये की सालाना आय वालों की 39 फीसदी कमाई टैक्स में जाएगी, जबकि 5 से 7 करोड़ रुपये की सालाना आय वालों की 42.74 फीसदी कमाई टैक्स में जाएगी. केंद्र सरकार को अमीरों पर अतिरिक्त सरचार्ज लगाने से सालाना 12000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने वाला है.
नियम के मुताबिक 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपये की आमदनी वालों पर पहले 15 फीसदी सरचार्ज लगता था, जिसे अब बजट में बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है. यानी वर्तमान दर में सीधे 10 फीसदी का इजाफा किया गया है. इसी तरह 5 करोड़ से ज्यादा कमाई वाले लोगों पर पहले 15 फीसदी सरचार्ज लगता था. लेकिन अब 22 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ इसे 37 फीसदी कर दिया गया है.
क्यों लगता है सरचार्ज?
अधिक आमदनी वाले टैक्सपेयर्स से सरकार इनकम टैक्स पर सरचार्ज लेती है. यह सरचार्ज कमाई पर नहीं, बल्कि आमदनी पर बन रहे इनकम टैक्स पर लगता है.
अब कॉरपोरेट टैक्स की बात....
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई, 2019 को बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने लगने वाले 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स के दायरे को बढ़ा दिया है. अब तक सालाना 250 करोड़ वाली टर्नओवर कंपनियों को इस टैक्स से छूट मिलती थी. लेकिन अब 400 करोड़ के टर्नओवर तक की कंपनियों को 25 फीसदी टैक्स देना होगा. इससे ज्यादा के टर्नओवर वाली कंपनियों को 30 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा.
सरकारी खजाने पर पड़ेगा 4 हजार करोड़ का भार
कॉरपोरेट जगत को इस राहत से सरकारी खजाने पर 4000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस प्रावधान से 99.3 फीसदी कंपनियां कवर होंगी. केवल 0.7 फीसदी बड़ी कंपनियों को निचली टैक्स दर के दायरे से अब भी बाहर रखा गया है.
पिछले 8 साल में कॉरपोरेट टैक्स में औसतन 10.75 फीसदी का इजाफा हुआ है. लेकिन 2014 से 2017 के बीच कॉरपोरेट टैक्स ग्रोथ कमजोर रही है. उसके बाद इसमें तेजी आई है. देश में टैक्स कलेक्शन का एक तिहाई हिस्सा कॉरपोरेट टैक्स से ही आता है. इससे पहले फरवरी में अंतरिम बजट के दौरान सरकार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कॉरपोरेट टैक्स संग्रह का लक्ष्य 7.6 ट्रिलियन रुपए निर्धारित कर चुकी है.