
सरकार ने कोरोना वैक्सिनेशन के लिए साल 2021-22 के बजट में 35 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. आइए जानते हैं कि इससे कितने लोगों को फ्री टीका लग पाएगा.
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश बहुत बड़ी महामारी की चपेट से बाहर आया है. उन्होंने बजट में कोरोना वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. वहीं स्वास्थ्य पर कुल 2.4 लाख करोड़ खर्च करने का ऐलान किया है.
गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च टीम SBI Research ने कुछ दिनों पहले यह अनुमान जाहिर किया था कि देश में कोविड-19 वैक्सिनेशन के पहले चरण में ही सरकार के 21,000 से 27,000 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते हैं.
कुल कितना खर्च आएगा
यही नहीं, 80 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने पर 56,000 से 72,000 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है. भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च टीम SBI Research की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.
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एसबीआई का कहना है कि एक आदमी को टीका लगाने पर 700 से 900 रुपये का खर्च आ सकता है. यानी इस बार के बजट में जो आवंटन किया गया है उससे 38 करोड़ से 50 कराड़ लोगों को टीका लगाया जा सकता है.
पहले चरण में सरकार ने कुल 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था करने का ऐलान किया था. इसके बाद दूसरे चरण में सरकार 50 करोड़ अन्य लोगों को वैक्सीन लगाने का इंतजाम किया जाएगा. इसके लिए फिर सरकार को 35,000 से 45,000 करोड़ रुपये का खर्च करना होगा.
30 करोड़ को प्राथमिकता
गौरतलब है कि भारत में अब तक कुल दो वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. पहली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, वहीं दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है.
सरकार अगस्त 2021 तक 30 करोड़ प्राथमिकता वाले लोगों को टीका लगाना चाहती है और साल 2022 के अंत तक 50 करोड़ अन्य लोगों को टीका लगा दिया जाएगा.
कैसे निकला खर्च का अनुमान
एसबीआई का अनुमान है कि सीरम इंस्टीट्यूट का टीका Covishield सरकार को 250 से 300 रुपये प्रति डोज में में मिलेगा और प्रत्येक डोज की ढुलाई से लेकर लगाने तक में प्रशासनिक खर्च 100 से 150 रुपये तक होगा. इस तरह एक व्यक्ति को टीका लगाने पर 700 से 900 रुपये का खर्च आ सकता है.