
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट को अमृत काल का पहला बजट बताया है.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र में भाषण शुरू करते हुए कहा कि इस बार बजट की 7 प्राथमिकताएं हैं. इन प्राथमिकताओं में समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र शामिल हैं.
भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने इस बजट में टैक्स स्लैब से लेकर कई सेक्टर्स के लिए बड़ी घोषणाएं कीं. हालांकि, किसान सम्मान निधि समेत कई ऐसी चीजें भी हैं, जिनके बजट में शामिल होने की काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वित्त मंत्री के भाषण में उनका जिक्र नहीं किया गया.
ओल्ड टैक्स व्यवस्था
केंद्र सरकार की ओर से साल 2020 में लागू की गई नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख की आय टैक्स फ्री होने का बड़ा ऐलान किया गया. लेकिन पुरानी टैक्स व्यवस्था का बजट भाषण के दौरान कहीं भी जिक्र देखने को नहीं मिला. जबकि देश के अधिकतर करदाता आज भी इसी पुरानी व्यवस्था पर टिके हुए हैं.
मनरेगा
गरीब मजदूरों को रोजगार देने वाली सबसे बड़ी योजना मनरेगा को लेकर भी इस बजट में काफी उम्मीदें थीं. ऐसा माना जा रहा था कि मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में मनरेगा को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है. इसके बावजूद मनरेगा के लिए कोई घोषणा बजट भाषण में नजर नहीं आई. इसको लेकर कांग्रेस सांसद शशी थरूर से लेकर कई विपक्षी नेताओं ने सवाल भी उठाया है.
किसान सम्मान निधि
इस बजट से पहले कहा जा रहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार किसान सम्मान निधि को लेकर भी बड़ी घोषणा कर सकती है. वित्त मंत्री ने भाषण के दौरान यह बताया भी कि केंद्र सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत 2.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं. लेकिन किसान सम्मान निधि बढ़ाने को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया.
रोजगार
देश में बेरोजगारी का स्तर देखते हुए इस बजट में युवाओं को रोजगार को लेकर किसी बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन वित्त मंत्री के बजट भाषण में रोजगार का मुद्दा प्रमुखता से नजर नहीं आया. साथ ही रोजगार को लेकर सरकार की ओर से कोई बड़ा ऐलान भी नहीं किया गया. हालांकि इंफ्रास्ट्रक्चर में 10 लाख करोड़ के निवेश से नई नौकरियों और रोजगार के नए अवसरों की राह खुलेगी.
सीनियर सिटिजन
साल 2023-24 के बजट में सीनियर सिटीजन को लेकर भी कई घोषणाओं की उम्मीदें की जा रही थीं. रेलवे से लेकर कई चीजों में उन्हें छूट मिलने की उम्मीद थीं. साथ ही सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम को लेकर भी कहा जा रहा था कि बड़ा ऐलान किया जा सकता है. हालांकि, बजट भाषण में सीनियर सिटिजन को लेकर कोई बड़ी घोषणा नजर नहीं आई. वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा जरूर 4.5 लाख से बढ़ाकर 9 लाख रुपये करने का ऐलान किया है.
मेडिकल उपकरणों के आयात पर राहत नहीं
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य को लेकर कई घोषणाएं की. इन घोषणाओं में आईसीएमआर लैब की संख्या देशभर में बढ़ाना, 157 नर्सिंग कॉलेज खोले जाने का ऐलान शामिल था. हालांकि, एक्सपर्ट्स सरकार की इस घोषणा से ज्यादा खुश नजर नहीं आए.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सबसे ज्यादा जरूरी था मेडिकल उपकरणों के आयात पर राहत मिलना. बजट से पहले काफी उम्मीद की जा रही थी कि इस खर्च का बोझ कम करने के लिए सरकार कोई बड़ी घोषणा कर सकती है, क्योंकि इन्हें आयात करने में काफी ज्यादा खर्च आता है. लेकिन सरकार की ओर से बजट भाषण में इस बारे में भी कोई ऐलान नहीं आया.