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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम संपूर्ण बजट पेश किया. निर्मला सीतारमण ने कहा है कि यह अमृतकाल का पहला बजट है. बजट के दौरान वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा ऐलान किया है. आयकर छूट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है. वहीं, सालाना कमाई के अनुसार भी कर की दरों में बदलाव कर दिया गया है. हालांकि, यह बदलाव नई टैक्स व्यवस्था में किया गया है. यानी जो लोग नई कर व्यवस्था को चुनेंगे, बस उन्हें ही ये छूट मिलेगी. जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत डिडक्शन क्लेम करते हैं, उन्हें 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा.
इनकम टैक्स की नई दरों के अनुसार, तीन लाख तक सालाना कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. वहीं 3 से 6 लाख सालाना कमाई पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख सालाना कमाई पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख कमाई पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख कमाई पर 20 फीसदी और 15 से ज्यादा लाख सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा.
मालूम हो कि नई टैक्स व्यवस्था को केंद्र सरकार ने एक अप्रैल, 2020 को लागू किया था. नई टैक्स व्यवस्था में नए टैक्स स्लैब बनाए गए थे लेकिन इनकम टैक्स में मिलने वाले सारे डिडक्शन और छूट खत्म कर दिए थे.
सरकार 2020 में जो नई टैक्स व्यवस्था लाई थी, उसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन, एचआरए और एलटीए जैसी सारी टैक्स छूट खत्म कर दी थी. इसके अलावा 80 सी के तहत ईपीएफ, एलआईपी, स्कूल फीस, पीपीएफ, होम लोन री पेमेंट, ईएलएसएस में मिलने वाली टैक्स छूट भी नहीं मिलती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक 7 करोड़ टैक्सपेयर्स में से सिर्फ 5 लाख लोगों ने ही नई टैक्स व्यवस्था को चुना था. लेकिन अब टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद शायद इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी. जो लोग पीपीएफ, एनपीएस जैसी स्कीमों में निवेश नहीं करना चाहते हैं और तमाम डिडक्शन क्लेम नहीं करना चाहते हैं, उनके लिए भी नया टैक्स सिस्टम ज्यादा बेहतर है.
2020 में आई नई टैक्स व्यवस्था में सात इनकम स्लैब्स बनाए गए थे. जिसके अनुसार, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख तक है, उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ता है. जिनकी आय 2.5 लाख से 5 लाख है, उन्हें 5 फीसदी और जिनकी सालाना आय 5 लाख से 7.5 लाख है, उन्हें 10 फीसदी टैक्स देना होता है. जबकि 7.5 से 10 लाख तक की सालाना आय पर 15 फीसदी इनकम टैक्स देना पड़ता है. 10 लाख से 12.5 लाख सालाना कमाई पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख सालाना कमाई पर 25 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है.
नए बदलाव पर क्या बोले एक्सपर्ट्स
नरेंद्र मोदी सरकार के टैक्स स्लैब में बदलाव के ऐलान को इंडिया टुडे ग्रुप एडिटोरियल एडवाइजर रोहित सरन ने फायदा पहुंचाने वाला बताया. हालांकि, रोहित सरन ने कहा कि यह ऐलान उन्हीं लोगों के लिए फायदेमंद है, जो नई टैक्स प्रणाली से आयकर भर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस नई टैक्स प्रणाली में लोगों को कम टैक्स देना पड़ता है लेकिन उसके लिए कई तरह की बाकी छूट छोड़नी पड़ती है.
रोहित सरन ने कहा कि केंद्र सरकार दो टैक्स प्रणाली को चालू रखना काफी कन्फ्यूजन वाला फैसला है. रोहित सरन ने आगे कहा कि केंद्र सरकार पिछली टैक्स प्रणाली को बंद करना चाहती है और खास बात है कि ऐसा वह नई टैक्स प्रणाली में छूट के ऐलान के साथ करना चाह रही है. लेकिन इसक असर नहीं दिख रहा है.
वहीं केंद्र सरकार के इस ऐलान पर Know The Pulse और Koobera Group के सीईओ डॉ. रवि कुमार ने कहा कि टैक्स स्लैब में इस बदलाव का इंतजार हर कोई कर रहा था. इसका फायदा आम आदमी होगा. उन्होंने आगे कहा कि 7 लाख तक इनकम टैक्स फ्री होना काफी अच्छी बात है. वहीं अधिकतर स्लैब में बदलाव हुआ है, जो भी एक अच्छी खबर है.
सोशल मीडिया पर मिल रही ऐसी प्रतिक्रिया
बजट 2023 में नरेंद्र मोदी सरकार के इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स खुशी जाहिर कर रहे हैं. एक यूजर ने कहा है कि, ''आयकर छूट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख. पूरे मध्यम वर्ग को खुश कर दिया मोदी जी ने.''
वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि सात लाख तक सालाना कमाई कर रहे लोगों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन नई टैक्स व्यवस्था में.
वहीं एक यूजर ने नए टैक्स स्लैब की जानकारी देते हुए कहा कि जो 15 लाख रुपये सालाना कमा रहा है, उस डेढ़ लाख रुपये बतौर इनकम टैक्स चुकाना होगा.
वहीं एक यूजर का कहना है कि टैक्स स्लैब के इस बदलाव का मिडिल क्लास को कोई फायदा नहीं मिलेगा.
एक यूजर ने पुराने टैक्स रेट से नए की तुलना करते हुए ये ट्वीट किया.
नीचे देखिए लोगों के कुछ मजेदार रिएक्शन
इस यूजर ने शेयर किया फनी मीम
एक यूजर ने लिखा कि अगर कोई पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुनता है और तमाम तरह के डिडक्शन क्लेम कर देता है तो उसे भी 7 लाख तक की छूट मिल जाती है.