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Budget 2024: बजट में अगर हुआ ये बड़ा ऐलान तो... सालाना 10 लाख से ज्‍यादा कमाने वालों की हो जाएगी मौज!

प्रस्‍ताव है कि अगर किसी व्‍यक्ति की सालाना आय 18 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो उसे 30 प्रतिशत टैक्‍स नहीं देना होगा. मौजूदा समय में टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत 10 लाख रुपये से ज्‍यादा की एनुअल इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्‍स लागू होता है.

Budget 2024 Budget 2024
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 17 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST

23 जुलाई को निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली हैं. इस बार के बजट को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि कुछ बड़ा ऐलान किया जा सकता है. खासकर इनकम टैक्‍स को लेकर मिडिल क्‍लास को राहत दी जा सकती है. न्‍यू और ओल्‍ड टैक्‍स रिजिम के तहत Tax Slab में बदलाव हो सकता है. इसी के मद्देनजर, बैंकबाजार ने एक नया आयकर स्लैब प्रस्तावित किया है. अगर कुछ ऐसा ऐलान होता है तो 10 लाख से ज्‍यादा कमाई करने वालों को बड़ा लाभ मिलेगा. 

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नहीं देना होगा 30% टैक्‍स? 
Bankbazar का नया टैक्‍स स्‍लैब प्रस्‍ताव है कि अगर किसी व्‍यक्ति की सालाना आय 18 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो उसे 30 प्रतिशत टैक्‍स नहीं देना होगा. मौजूदा समय में टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत 10 लाख रुपये से ज्‍यादा की एनुअल इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्‍स लागू होता है. ऐसे में अगर टैक्‍स स्‍लैब में ये बदलाव होता है तो 18 लाख रुपये तक सालाना इनकम पर कम 30 प्रतिशत तक टैक्‍स नहीं देना होगा. 

ओल्‍ड टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत Tax Slab
गौरतलब है कि ये प्रस्‍ताव ओल्‍ड टैक्‍स रिजिम के लिए है. जिसके तहत 10 लाख से ज्‍यादा इनकम होने पर 30 प्रतिशत का टैक्‍स देना होता है. टैक्‍स स्‍ट्रक्‍चर की बात करें तो 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर 5 प्रतिशत टैक्‍स लगता है, 5 लाख से 10 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख से ज्‍यादा इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्‍स लागू होता है. 

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क्‍यों होना चाहिए टैक्‍स स्‍लैब में बदलाव? 
बजट 24 के लिए बैंकबाजार प्राइमर में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि पुरानी व्यवस्था के लिए 20% और 30% स्लैब को अपडेट किया जाना चाहिए. लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर, 2012-13 और 2024-25 के लिए मूल्य क्रमशः 200 और 363 हैं, जो सूचकांक में 81.5% की बढ़ोतरी को जताता है. हाल के सालों में लगातार महंगाई ने सूचकांक में काफी बढ़ोतरी की है. इस कारण जरूरी है कि पुरानी स्लैब रेट में बदलाव किया जाना चाहिए. 

ये भी रखा गया प्रस्‍ताव 

  • 80C की लिमिट: मौजूदा समय में 2014 में तय 1.5 लाख रुपये को बढ़ाकर कम से कम 2 लाख रुपये किया जाना चाहिए.
  • 80D कटौती: कोविड के बाद बीमा प्रीमियम की बढ़ती लागत को देखते हुए, इसे सामान्य टैक्‍सपेयर्स के लिए 50,000 रुपये और सीनियर सिटीजन के लिए 100,000 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए. 
  • होम लोन ब्याज और मूलधन भुगतान: इन्हें अलग-अलग अनुभाग में रखा जाना चाहिए, जो 5 लाख रुपये तक हो सकता है. 
  • 87A के तहत छूट: 2019 में किए गए अंतिम अपडेट की तुलना में इसे 6.3 लाख रुपये तक की आय तक बढ़ाया जाना चाहिए. 

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