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बजट 2025 से मिडिल क्लास की पौ 'बारह'... जानें- नौजवान, किसान और महिला के लिए बजट में क्या

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया, जो पुरानी सोच से बिलकुल अलग और आउट ऑफ बॉक्स फैसलों से भरपूर है. इस बजट में मिडिल क्लास को विशेष राहत देते हुए 12 लाख तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है. यह कदम मिडिल क्लास के लिए किसी बड़े सरप्राइज से कम नहीं है और इसी कारण यह बजट उनके लिए कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हो सकता है. आइए आसान भाषा में समझते हैं मोदी-नॉमिक्स.

बजट 2025 में हुए कई बड़े ऐलान (फोटो- पीटीआई) बजट 2025 में हुए कई बड़े ऐलान (फोटो- पीटीआई)
आजतक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:10 AM IST

मोदी सरकार के तीसरे टर्म का पहला पूर्ण बजट पुरानी सोच से अलग है. आउट ऑफ बॉक्स से भरपूर है. प्रधानमंत्री के इस बजट को समझने के लिए, देखने के लिए, भांपने के लिए नए नजरिए की जरूरत है, क्योंकि मोदी का बजट परंपरागत सोच वाले बजट से एकदम अलग है, सरप्राइज से भरपूर है. बजट में रोटी-कपड़ा और मकान का पूरा ख्याल है, तो प्रधानमंत्री ने देश के मिडिल क्लास को भी उम्मीदों से ज्यादा दिया है. यही है मोदी की वर्किंग स्टाइल, इनकम टैक्स में छूट दी तो वो भी छप्पर फाड़ के.

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मोदी का मिडिल क्लास वाला बजट ऐसा है कि उनके आलोचक भी इस मुद्दे पर असहमत नहीं हो सकते हैं. आखिर मोदी ने कैसे मिडिल क्लास को बम-बम कर तीसरे टर्म का सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक चला है, आपको बताते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने एक बयान में कहा कि 12 लाख तक आय को टैक्स से मुक्त कर दिया है, सभी आय वर्ग के लोगों के टैक्स में कमी की गई हैं. इसका बहुत फायदा मिडिल क्लास को नौकरी वालों को बड़ा फायदा होगा.

टैक्स के बोझ में दबे मिडिल क्लास के लिए इनकम टैक्स में 12 लाख तक छूट का निर्णय उम्मीदें से ज्यादा हैं, क्योंकि उम्मीद सिर्फ दस लाख तक छूट की थी लेकिन जब मोदी के तीसरे टर्म का पहला पूर्ण बजट आया तो मिडिल क्लास मोदी के सरप्राइज से बम-बम हो गया, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मास्टर स्ट्रोक से मिडिल क्लास का दिल जीत लिया.

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मिडिल क्लास को मिली छूट से सरकारी खजाने में करीब एक लाख करोड़ की आमदनी कम होगी, लेकिन मोदी ने अपने कैलकुलेशन से समझा कि इस इनकम टैक्स में दी गई छूट से मिडिल क्लास की जेब भरेगी और विकास थमेगी नहीं बल्कि और तेजी से बढ़ेगी.

पीएम मोदी जब कोई फैसला करते हैं तो उसके पीछे विजन और मिशन दोनों होता है. मोदी फुल होमवर्क के बाद ही कोई फैसला करते हैं. भले ही उनके आलोचक इस बजट में चुनावी एंगल देख रहे हैं लेकिन इस नैरेटिव को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के पास जवाब मौजूद है.

जिस बजट से मोदी ने टैक्स के फेर में फंसे मिडिल क्लास को निजात दिलाने का निर्णय लिया, उसी बजट में मोदी ने रिफॉर्म और परफॉर्म वाली अपनी फिलॉस्फी को पीछे नहीं छोड़ा. यही तो है मोदी-नॉमिक्स. प्रधानमंत्री ने अपने बजट से एक नई उम्मीद जगाई है. देश का कोई बेटा-बेटी, नौजवान, किसान और दुकान चलाने वाला सभी के लिए कोई ना कोई बड़ा ऑफर है.

किसानों के लिए खास ऐलान

वित्त मंत्री ने किसानों के लिए प्रधानमंत्री धनधान्य योजना का ऐलान किया है. इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट में इजाफा करने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने बताया कि इसकी लिमिट अब 3 लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है. शुक्रवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में भी इससे जुड़ी जानकारी शेयर की गई थी, जिसके मुताबिक, किसान क्रेडिट कार्ड धारकों की संख्या देश में 7.75 करोड़ हुई. 

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वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बिहार के किसानों के लिए खास ऐलान किए. उन्होंने कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड का गठन होगा. इससे छोटे किसानों और व्यापारियों को फायदा होगा. इसके अलावा, वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार ने 5 साल का मिशन तय किया है. इस मिशन से देश का कपड़ा उद्योग मजबूत होगा.

बम-बम करने वाले बजट में सभी का रखा गया ध्यान

मिडिल क्लास को बम-बम करने वाले इस बजट में, सभी का ख्याल रखा गया है. मतलब मोदी ने बजट से पहले जो कमिटमेंट किया था, वो कमिटमेंट पूरा कर दिया, जब पीएम ने पहले ही सभी से कहा था कि लक्ष्मी मां की कृपा बनी रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले ही ये संकेत दे दिया था कि बजट में मिडिल क्लास और गरीबों के लिए बड़ा ऐलान हो सकता है. 

मिडिल क्लास मोदी सरकार के सबसे बड़े समर्थकों में से एक है. इसलिए माना जा रहा था कि टैक्स के बोझ से परेशान मध्यम वर्ग को सरकार बजट में कोई न कोई सौगात दे सकती है, और बजट में ठीक वही हुआ. प्रधानमंत्री मोदी खुद को मध्यम वर्ग का सबसे बड़ा हितैषी बताने से कभी नहीं चूकते, क्योंकि मध्यम वर्ग को मोदी सरकार का सबसे बड़ा वफादार और बेबाक समर्थक माना जाता है.

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जिस मध्यम वर्ग ने मेहनत से अपना मुकाम हासिल किया, जिनकी बदौलत भारत आगे बढ़ रहा है उस पर एक तरफ महंगाई की चोट पड़ रही है, तो दूसरी तरफ टैक्स उन्हें निचोड़ रहा है. यही वजह है कि जब अंतरिम बजट सरकार ने LTCG टैक्स बढ़ाया, तो राहुल गांधी ने ये दावा करने में देर नहीं की कि मिडिल क्लास मोदी को छोड़ने जा रहा है.

राहुल गांधी बजट पर क्या बोले?

राहुल गांधी ने अपने एक बयान में कहा कि पीएम ने कहा तो कोरोना में मिडिल क्लास में दबाकर थाली बजाई हमें अजीब लगा. मिडिल क्लास को ऑर्डर दिया मिडिल क्लास ने मोबाइल फोन की लाइट जला दी अब दो छूरे मारे हैं. एक पीठ में औक दूसरा छाती में. उन्होंने कहा कि अब मिडिल क्लास आपको छोड़ने जा रहा है.

मध्यम वर्ग के लिए कांग्रेस की इस पैरोकारी को भारतीय राजनीति में आ रहे बड़े बदलाव के तौर पर देखा गया, क्योंकि भारत की राजनीति शुरू से गरीब केंद्रित रही है. कांग्रेस हो या फिर बीजेपी. दोनों की सरकारों की योजनाएं गरीबी हटाने के इर्द-गिर्द ही रही हैं, लेकिन 2025 का बजट बताता है कि मिडिल क्लास को सियासी दल एक बहुत बड़े वोट बैंक के रूप में देख रही हैं, जिसको राहत पहुंचाने का साफ-साफ संकेत प्रधानमंत्री मोदी ने बजट से एक दिन पहले ही दे दिया था.

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बजट से पहले माना जा रहा था कि 10 लाख तक की आय में छूट मिल सकती है, लेकिन मोदी सरकार ने मिडिल क्लास को छप्पर फाड़कर टैक्स में राहत देकर गदगद कर दिया. इस बार के बजट में एक मिडिल क्लास परिवार के हर सदस्य के लिए कुछ न कुछ है. नौकरी पेशा बेटे बहू को टैक्स में अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी छूट मिली है. अब 1 लाख रुपये महीना तक कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा, जिससे बचत होगी.

खर्च के लिए हाथ में ज्यादा पैसे होंगे. घर का बजट बनाने वाली गृहणियों का भी तनाव थोड़ा कम होगा. वहीं बुजुर्ग माता-पिता को मिलने वाली ब्याज पर टैक्स कम देना होगा. उनकी जीवन रक्षक दवाएं सस्ती होंगी. बच्चों के लिए बजट में खुशखबरी है. LED-LCD टीवी, मोबाइल, कपड़े, फुटवियार, बैग सस्ता होगा. इस तरह सरकार ने एक तीर से कई शिकार कर डाले. इकॉनमी में खपत को बढ़ावा देने की जोरदार डोज दे दी. वहीं मिडिल क्लास को ये जता दिया कि मोदी के दिल में वो बसते हैं.

टैक्स में छूट से दिल्ली में क्या माहौल बदलेगा?

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बजट में मिडिल क्लास को टैक्स में मिली छूट को दिल्ली चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है. जहां शुरू से मध्यम वर्ग की बड़ी आबादी रहती है. देश में 31 फीसदी जनसंख्या को मध्यम वर्ग माना जाता है, जो दिल्ली में 67% के साथ सबसे बड़ी आबादी है. बड़ी बात ये है कि 2015 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले साल 2020 में BJP को मध्यम वर्ग के 4% वोट ज्यादा मिले, जबकि आम आदमी पार्टी के 2% घटे.

वहीं साल 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP को 50% मध्यम वर्ग ने वोट दिया. BJP को लगता है कि लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी मध्यम वर्ग उसे चुन सकता है. उसे लगता है कि दिल्ली में मध्यम वर्ग उपेक्षा महसूस कर रहा है, जिसके लिए फ्री बिजली पानी के साथ-साथ साफ सुथरी सड़कें और सुधरे पार्क भी अहमियत रखते हैं. इसलिए BJP की तरफ से लगातार दिल्ली के मिडिल क्लास पर डोरे डाले जा रहे हैं.

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की तरफ से इनकम टैक्स की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की मांग की गई थी, लेकिन वित्त मंत्री ने विपक्ष की उम्मीद से भी आगे जाकर 12 लाख तक की आय की सीमा को टैक्स से मुक्त कर दिया, जिसे अरविंद केजरीवाल के नहले पर वित्त मंत्री का देहला माना जा रहा है.

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वहीं इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से आठवें वेतन आयोग के गठन का ऐलान किया जा चुका है, जिसका सीधा फायदा दिल्ली में रहने वाले करीब 4 लाख सरकारी कर्मचारियों को होगा, लेकिन टैक्स में छूट के ऐलान से तो पूरे मिडिल क्लास को फायदा होगा. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत का श्रेय अक्सर गरीब और झुग्गी में रहने वालों को दिया जाता है, लेकिन इस बार लगता है कि जो भी दल दिल्ली के मिडिल क्लास का दिल जीतेगा, उसकी जीत की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी.

किसका कितना पैसा बच रहा है?

टैक्स में छूट के ऐलान के बाद से देश में मिडिल क्लास वर्ग, जो नौकरी पेशा हैं, वो हिसाब लगाने लगे हैं कि इस बार उनको फायदा कितना हो रहा है. पहले वो कितना टैक्स देते थे, अब कितना देना होगा. जैसे आपकी आय आठ लाख सालाना है तो पहले इस पर 30 हजार लगता था, नई रीजीम में इस पर अब टैक्स बनता तो 20 हजार का है. पहले तो ये फायदा 10 हजार का ही दिखता है लेकिन चूंकि सरकार खुद ही 12 लाख तक अब फुल टैक्स छूट देती है, यानी पहले के मुकाबले सीधा फायदा 30 हजार रूपए का है.

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इसी तरह 9 लाख की कमाई पर स्लैब के हिसाब से 40 हजार टैक्स पहले बनता था, जिस पर स्लैब के आधार पर टैक्स अब भी 30 हजार बनता तो है लेकिन चूंकि सरकार 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री कर चुकी है तो अब सीधा फायदा 30 हजार का हो रहा है. 10 लाख की आय वाले को 50 हजार का सीधा टैक्स में अब फायदा है. 11 लाख की सालाना आय वाले को तो ये फायदा 65 हजार रूपए तक का है. 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय आपकी है तो टैक्स फ्री है और फायदा सीधा 80 हजार रुपए का है. ये 80 हजार रुपए का शुद्ध फायदा है. 

यानी जो एक लाख रुपए महीने की कमाई करते हैं, उन्हें टैक्स की नई सिस्टम के तहते सीधा फायदा 80 हजार रुपए का है. वहीं अगर आपकी आय 16 लाख रुपए है, तो फिर पहले एक लाख सत्तर हजार का टैक्स लगता था, जो घटकर एक लाख बीस हजार होगा यानी सीधा फायदा पचास हजार का है. 

20 लाख की आय है तो अब टैक्स में छूट की वजह से 90 हजार का फायदा होगा, और छूट के बाद दो लाख का टैक्स देना होगा. 24 लाख की आय पर यही फायदा एक लाख दस हजार रुपए का है, और टैक्स अब देना होगा तीन लाख रुपए का. 50 लाख रुपए की आय जिनकी है, उन्हें भी सरकार के बड़े फैसले से एक लाख दस हजार रुपए का फायदा टैक्स घटने से होगा.
 

 

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