
मेदांता मेडिसिटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन ने सोमवार को कहा कि बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ाए जाने की जरूरत है. उन्होंने आजतक के सहयोगी चैनल इंडिया टुडे के Budget Roundtable कार्यक्रम में कहा कि प्राइवेट हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ने कोविड-19 की पिछली लहर में अपनी क्षमता दिखा दी है.
उन्होंने कहा कि अगर सरकारी और प्राइवेट हेल्थकेयर के बीच का बैरियर टूटता है तो यह बहुत अच्छा रहेगा और किफायती हेल्थ सर्विसेज देखने को मिल सकती है. इसके साथ ही डॉ. त्रेहन ने मेंटल हेल्थ पर पोर्टल शुरू किए जाने की जरूरत पर बल दिया.
हॉस्पिटालिटी सेक्टर को मिले इन्फ्रा स्टेटस
कार्यक्रम में IHCL के एमडी और सीईओ पुनीत चटवाल ने कहा, "हॉस्पिटालिटी सेक्टर को इन्फ्रा सेक्टर का दर्जा दिए जाने से लागत नहीं बढ़ेगी लेकिन इस स्टेटस के साथ ही इसमें अधिक निवेश आएगा. मेरे ख्याल से जब भारत की आजादी को 75 साल हो गए हैं, इसे इन्फ्रा स्टेटस दिया जाना चाहिए."
चटवाल ने साथ ही कहा, "भारत में हॉस्पिटालिटी सेक्टर जीडीपी में 7% योगदान करता है. अगर आप इसमें इनफॉर्मल सेक्टर को शामिल करते हैं तो यह 12% तक पहुंच जाएगा. अगर इसे इन्फ्रा स्टेटस नहीं दिया जाता है तो एक अवसर मिस हो जाएगा."
MSME सेक्टर पर ध्यान दिए जाने की जरूरत
चटवाल ने कहा, "MSME सेक्टर के लिए जमीनी हकीकत काफी मुश्किल भरा है. कई लोगों ने अपनी जान या आजीविका गंवा दी है. अगर सेक्टर ही बंद हो जाएगा तो कोई इनकम नहीं होगी. आप कितने लंबे वक्त तक सब्सिडी दे सकते हैं. हमें तत्काल और लंबी अवधि के बीच एक बैलेंस बनाना होगा."
कैपिटल को लेकर नहीं कर रहा कोई शिकायत
OYO के सीईओ रितेश अग्रवाल ने कहा, "कोई भी व्यक्ति पूंजी को लेकर शिकायत नहीं कर रहा है, ना सिर्फ नई पीढ़ी की कंपनियां बल्कि कई लीगेसी कंपनियां बड़े पैमाने पर पूंजी जुटाने में सफल रही हैं."