
मोदी सरकार 2.0 के बजट में पेट्रोल और डीजल पर करीब 2 रुपये प्रति लीटर का अतिरिक्त टैक्स लगा दिया गया है. इसमें एक रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क और 1 रुपये प्रति लीटर का सेस यानी उपकर शामिल है. इसका असर यह है कि अब दिल्ली में मिलने वाले करीब 73 रुपये प्रति लीटर के पेट्रोल में टैक्स का हिस्सा बढ़कर 35.5 रुपये प्रति लीटर तक हो गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के अगले दिन ही पेट्रोल की कीमतों में 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 2.3 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो गया. दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 72.96 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 66.69 रुपये प्रति लीटर है.
बिना टैक्स के 38 रुपया लीटर पेट्रोल
बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, पेट्रोल की बेस कीमत 33.91 रुपये प्रति लीटर है, यानी अगर इसमें कमीशन आदि जोड़ लें तो भी पेट्रोल प्रति लीटर करीब 38 रुपये में बिकता. अब पेट्रोल पर लगने वाला टैक्स बेस कीमत का 105 फीसदी हो गया है. पेट्रोल पर कुल टैक्स 35.5 रुपये प्रति लीटर का है और इसमें 19.98 रुपये प्रति लीटर एक्साइज यानी उत्पाद शुल्क है. इसके अलावा 15.51 रुपये प्रति लीटर का स्टेट वैट और 3.56 रुपये प्रति लीटर का डीलर्स कमीशन होता है.
इसी प्रकार डीजल पर बेस कीमत के 67 फीसदी तक टैक्स लग रहा है. दिल्ली में 66.69 रुपये प्रति लीटर डीजल मूल्य में बेस प्राइस 38.54 रुपये प्रति लीटर है और उस पर 15.83 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी और 9.82 रुपये का स्टेट वैट होता है. 2.50 रुपये प्रति लीटर डीलर्स को कमीशन देना होता है. यानी अगर टैक्स नहीं होता तो डीजल सिर्फ 41 रुपये प्रति लीटर में ही मिलता.
केंद्र को ज्यादा फायदा
बजट में एक्साइज बढ़ाने का असर यह है कि अब पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर टैक्स के मामले में केंद्र सरकार को राज्यों के मुकाबले ज्यादा फायदा होगा. टैक्स बढ़ाने से केंद्र सरकार को करीब 30,000 करोड़ रुपये का फायदा हो सकता है. इसकी वजह यह है कि केंद्र सरकार जो सेस लगाती है उसका कोई हिस्सा राज्यों को नहीं देना होता. सिर्फ बेसिक एक्साइज ड्यूटी का हिस्सा राज्यों को बांटना होता है.
असल में इकोनॉमिक सर्वे में यह उम्मीद जाहिर की गई थी कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी की वजह से इस साल पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आएगी, इसको देखते हुए सरकार ने पहले ही टैक्स बढ़ाकर राजस्व में हो सकने वाले नुकसान की भरपाई कर ली है.