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बजट पर NDA में फूट! नाराज चंद्रबाबू बोले- हमारी जरूरत नहीं, तो 'नमस्ते' कर देंगे

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बजट में आवंटन को सही नहीं बताया है. बजट पेश होने के बाद ही नायडू ने अपने सांसदों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की.

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मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:25 PM IST

मोदी सरकार ने गुरुवार को संसद में आम बजट पेश किया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बजट में गरीबों और किसानों के लिए अपना पिटारा खोला. कई राजनीतिक दलों ने इस बजट की आलोचना की है. लेकिन अब बीजेपी को उसके साथी से ही झटका लगा है. एनडीए में शामिल तेलुगु देशम पार्टी ने बजट पर निराशा व्यक्त की है.

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बजट में आवंटन को सही नहीं बताया है. बजट पेश होने के बाद ही नायडू ने अपने सांसदों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की. जिसके बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि टीडीपी का एनडीए में सफर यहीं थम सकता है और वह जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, चंद्रबाबू नायडू ने अपने सभी सांसदों और नेताओं से अभी किसी भी तरह की बयानबाजी करने से मना किया है. उनका कहना है कि वह गठबंधन धर्म निभा रहे हैं. लेकिन अगर वो (BJP) हमें नहीं चाहते हैं, तो मैं नमस्ते कह कर चल दूंगा.

TDP सांसदों ने नायडू से बजट को लेकर शिकायत की. उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के लिए इस बजट में कुछ नहीं है, ना ही रेल बजट में भी विशाखापट्टनम को लेकर कुछ कहा गया है. सांसद आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के लिए कोई मदद ना मिलने से भी नाराज हैं.

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बजट के बाद पार्टी सांसद टीजी वेंकटेश ने न्यूज़ एजेंसी ANI को बताया कि अब हम आर-पार की लड़ाई के मूड में है. हमारे पास सिर्फ तीन ही विकल्प हैं. पहला कि हम ऐसे ही कोशिश करते रहे, दूसरा हमारे सांसद इस्तीफा दे दें या तीसरा अपना गठबंधन ही तोड़ दें.

कुछ ही दिन पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग राह चुनने का इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि पिछले कुछ समय से राज्य में बीजेपी के नेता टीडीपी की आलोचना कर रहे हैं. इन्हें रोकने की जिम्मेदारी केंद्रीय नेतृत्व की है. उन्होंने कहा कि हम दोनों दल (टीडीपी और बीजेपी) मिलकर राज्य सरकार चला रहे हैं.

ऐसे में एक-दूसरे पर टिप्पणी करना अनुचित है. हम गठबंधन धर्म निभा रहे हैं. बीजेपी के नेता लगातार टीडीपी सरकार पर उंगली उठा रहे हैं. अगर उन्हें हमारी जरूरत नहीं है तो हम अलग रास्ता अख्तियार कर सकते हैं.

गौरतलब है कि हाल ही में महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन में रही शिवसेना ने 2019 के चुनाव में अलग लड़ने का ऐलान कर दिया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अलग चुनाव लड़ने की कसम खाई है.

अब टीडीपी ने NDA से अलग होने के संकेत दिए हैं. बीते कुछ समय से टीडीपी और बीजेपी के रिश्तों में तनाव की खबरें भी आ रही थीं. इसी सिलसिले में नायडू ने 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी. अब उनके अलग होने के संकेत से 2019 का चुनाव और भी दिलचस्प होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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