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Budget 2019: जानें, एजुकेशन सेक्टर के लिए पीयूष गोयल के बजट में क्या है

राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए 38572 करोड़ रुपये के की व्यवस्था...  जानें- शिक्षा के क्षेत्र में कितना मिला बजट का फायदा

पीयूष गोयल पीयूष गोयल
aajtak.in
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  • 01 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

आज बजट के दिन सभी की निगाहें कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल पर थीं,  जो बजट (अंतरिम) 2019 पेश कर रहे थे. इस साल बजट में शिक्षा  के लिए सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के लिए 38,572 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की है. पीयूष गोयल ने कहा, "2018-19 में, बजट शिक्षा SC और ST के कल्याण के लिए 56,619 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. जिसे उसी साल 2018-19 में दोबारा बढ़ाकर 62,474 करोड़ रुपये कर दिया गया था. अब इसे बढ़ाकर 76,800 करोड़ कर दिया गया है. इसके अलावा, अंतराष्ट्रीय बाल विकास योजना के लिए 27,584 करोड़ रुपये की योजना की पहल की गई है."

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बता दें, अंतरिम बजट में  सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए शिक्षा क्षेत्र के लिए 93,847.64 करोड़ रूपये आवंटित किए हैं जो पिछले बजट आवंटन से 10 प्रतिशत से अधिक है. जहां 2019-20 के लिए पेश अंतरिम बजट में उच्च शिक्षा के लिए 37,461.01 करोड़ रुपये तथा स्कूली शिक्षा के लिए 56,386.63 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

अंतरिम बजट 2019 पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से 1 करोड़ से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया गया. पीयूष गोयल ने कहा देश में अब स्व रोजगार की भावना बढ़ रही है. नौकरी ढूंढने वाले आज नौकरियां देने वाले बन रहे हैं. आज युवाओं के लिए रोजगार सबसे अहम मुद्दा है, पीयूष गोयल ने कहा कि पूरी दुनिया में स्व रोजगार की कल्पना बदल गई है.

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जॉब सीकर जॉब क्रिएटर बन गया है. अब एक अच्छी नौकरी के लिए कारखानों में जाने या फिर सरकारी नौकरी के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है. आज के युवा स्व रोजगार भी और अपनी रुचि दिखा रहे हैं. अब नौकरियां सिर्फ कारखानों और सरकारी सेक्टर में ही नहीं रही है.

गोयल ने कहा है कि वेतन आयोग की सिफारिशों को जल्द लागू किया जाएगा. ग्रेच्यूटी की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है. वहीं पीयूष गोयल ने बताया कि अभी तक अभी तक मुद्रा योजना के तहत 5 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं. EPFO के अनुसार 2 करोड़ से अधिक लोगों को नौकरी प्रदान की गई है.  बता दें कि ग्रेच्युटी का भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत नौकरी पेशा कर्मचारियों को ग्रेच्‍युटी दी जाती है.

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