
भारत का बजट एक फरवरी को पेश होगा. इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. वह लगातार 7वीं बार देश का बजट पेश करनी वाली वित्त मंत्री होंगी. इससे पहले मोरारजी देसाई अब तक के सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री रहे हैं. ऐसे में बजट सत्र से पहले ये जानना दिलचस्प होगा कि भारत में पहली बार कब बजट पेश किया गया?
भारत में आजादी से पहले भी बजट पेश हुआ था. ये बजट दिल्ली में नहीं बल्कि भारत से हजारों किलोमीटर दूर लंदन में पेश किया गया था. उस वक्त भारत के सचिव कहलाने वाले ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी जेम्स विल्सन ने इसे ब्रिटिश क्राउन के सामने पेश किया था.
सैन्य विद्रोह के बाद हुए नुकसान की भरपाई के लिए पेश हुआ था बजट
1857 के सैन्य विद्रोह के कारण अंग्रेजी हुकूमत को काफी नुकसान हुआ था. विद्रोह को ब्रिटिश हुकूमत ने काफी नृशंसता के साथ दबाया था. इसमें खुलेआम विद्रोह करने वाले सिपाहियों और क्रांतिकारियों का कत्लेआम हुआ था. इस पूरी घटना की पूरी दुनिया सहित लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में भी निंदा हुई थी.
बजट के जरिए एक नई कर प्रणाली का रखा गया था प्रस्ताव
1857 के विद्रोह के बाद सरकार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भारत में एक कर प्रणाली लागू करने का खाका खींचा गया. ज्यादा उगाही के लिए नई कर प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव रखा गया. इसे 7 अप्रैल, 1860 को ईस्ट-इंडिया कंपनी के एक अधिकारी जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश क्राउन के समक्ष एक बजट के रूप में पेश किया. इसे ही भारत का पहला बजट माना जाता है.
हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्यों ने की थी निंदा
इस बजट में प्रस्तावित कर प्रणाली को लेकर बाद में समय-समय पर कई संशोधन किए गए और 1886 में एक अलग आयकर अधिनियम पारित किया गया. विल्सन के इस प्रस्ताव का हाउस ऑफ कॉमन्स में आलोचना भी हुई. सर चार्ल्स ट्रेवेलियन ने भारत के लोगों पर नए कर लगाने की व्यवहार्यता या अव्यवहारिकता के बारे में अपनी राय व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि भारत में वर्तमान संकट वर्तमान पीढ़ी की स्मृति में घटित किसी भी घटना की तुलना में अच्छे या बुरे, दोनों तरह के परिणामों से भरा हुआ है. अब जो रास्ता अपनाया जाएगा, उस पर पूर्व में हमारे साम्राज्य का भविष्य निर्भर करेगा. कई सदस्यों ने इस बजट और इसमें दिये गए कर प्रणाली के प्रावधानों की आलोचना की थी.
स्कॉटलैंड के रहने वाले थे बजट पेश करने वाले अंग्रेज अधिकारी
जेम्स विल्सन ने वित्त के लिए जिम्मेदार भारत परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया और भारत के वायसराय को सलाह दी. वह स्कॉटलैंड के राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और व्यवसायी थे. वह स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और द इकोनॉमिस्ट पत्रिका के संस्थापक थे.
आजाद भारत में आरके शानमुगम चेट्टी ने पेश किया था पहला बजट
वहीं स्वतंत्र भारत में पहली बार पहले वित्त मंत्री सर आरके शानमुगम चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को देश का पहला केंद्रीय बजट पेश किया था. उस वक्त पहला केंद्रीय बजट भारत के विभाजन के दौरान हुए बड़े पैमाने पर दंगों के बीच पेश किया गया था.