
जैसी उम्मीदें थीं वैसा ही हुआ... चुनाव से पहले आखिरी बजट में सरकार ने टैक्स में बदलाव कर मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव कर 7 लाख रुपये तक की आमदनी वालों टैक्स से मुक्ति दे दी.
दरअसल, इनकम टैक्स में छूट देकर मोदी सरकार ने नौकरी पेशा लोगों को खुश करके 2024 के लिए अपना मास्टर स्ट्रोक चल दिया है. सरकार के इस कदम के पीछे की कहानी आंकड़े बताते हैं.
7 लाख तक की आय करमुक्त
निर्मला सीतारमण ने बजट में नया इनकम टैक्स स्लैब पेश किया, इसके तहत, पांच स्लैब बनाए गए हैं और 3 लाख रुपये तक की आमदमी पर 0% टैक्स रखा गया है. सबसे बड़ी बात अगर आप 7 लाख रुपये सालाना कमाते हैं तो आपको एक भी रुपये टैक्स नहीं देना होगा. सरकार का ये कदम आज के बजट की सबसे बड़ी सियासी खबर क्यों है, उसे इससे जुड़े फायदे से समझिए, क्योंकि अगर आप 7 लाख से ज्यादा भी कमाते हैं तो अब आपकी जेब में पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे बचेंगे.
नई टैक्स स्लैब के अनुसार पहले जहां 3 लाख रुपये आय पर 2500 रुपये टैक्स लगता था, उसे हटाकर शून्य कर दिया गया है. 3 से 6 लाख रुपये की आय पहले 22500 रुपये का टैक्स लगता था, जो अब घटकर 15000 रुपये हो जाएगा, यानी 7500 रुपये का फायदा होगा. इसी 6 से 9 लाख आय वालों को अब पहले के मुकाबले 15000 रुपये, 9 से 12 लाख रुपये की इनकम वालों को 25000 रुपये का फायदा मिलेगा. और 12 से 15 लाख रुपये की सालाना आय वालों को 37500 रुपये ज्यादा बचेंगे.
अब सवाल ये है कि आज बजट में छूट का ऐलान कैसे 2024 में मोदी का मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस के अनुसार साल 2018 में रिटर्न भरने वालों में ढाई लाख रुपये तक आय वालों की संख्या 13.9% थी. 2.5 से 5 लाख तक आय वाले सबसे ज्यादा 49.3% फीसद थे. 5 से 10 लाख की सालाना आय वालों की संख्या 26.7% थी. यानी 7 लाख तक टैक्स में छूट और नई टैक्स स्लैब का फायदा यूं तो हर तबके को मिलेगा. लेकिन इसमें करीब 90% ऐसे लोग होंगे जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपये है. वित्त मंत्री ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख रुपये और उससे ज्यादा के लिए 52,500 रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाएगा.
दरअसल, अभी तक 5 लाख रुपये तक आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता था. लेकिन अब इस कैप को बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक कर दिया है. नई कर व्यवस्था के तहत अब बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है. जो पहले ढाई लाख रुपये पर थी. अब 6 टैक्स स्लैब की जगह अब 5 टैक्स स्लैब होंगे. न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख तक की इनकम पर 52500 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन कर दिया गया है.
बजट 2023-24 में पेश किया गया ये नया टैक्स स्लैब है-
0 से तीन लाख पर 0 फीसदी
3 से 6 लाख पर 5 फीसदी
6 से 9 लाख पर 10 फीसदी
9 से 12 लाख पर 15 फीसदी
12 से 15 लाख पर 20 फीसदी
15 से ज्यादा लाख पर 30 फीसदी
एक उदाहरण से समझते हैं- अगर किसी की सालाना आय 10 लाख रुपये है, तो नए टैक्स स्लैब (New Tax Slab) के हिसाब 60 हजार रुपये आयकर देना होगा. इसके अलावा 4 फीसदी सेस का प्रावधान है. लेकिन अगर 10 लाख की आय वाला पुराने टैक्स स्लैब को चुनता है और तमाम आयकर छूट का लाभ लेता है तो फिर उसके लिए पुराने टैक्स स्लैब फायदे का सौदा रहेगा. क्योंकि पुराने टैक्स स्लैब में 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक छूट मिलती है. इसके अलावा होम लोन पर 2 लाख का छूट, NPS में निवेश कर अतिरिक्त 50 हजार रुपये का छूट और मेडिकल इंश्योरेंस का प्रीमियम भरकर खुद की आय को पूरी तरह से टैक्स छूट के दायरे में ला सकता है.
गौरतलब है कि सरकार ने साल 2020 में नया टैक्स स्लैब पेश किया गया था. जिसमें अब बदलाव कर दिया गया है. क्योंकि टैक्सदाता उस टैक्स स्लैब को लेकर ज्यादा उत्सुक नहीं थे. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि पुराना टैक्स स्लैब का विकल्प अभी लोगों के सामने होगा. हालांकि अब अगर करदाता नए टैक्स स्लैब नहीं चाहता है तो उसे पुराना टैक्स स्लैब चुनना होगा. अब पहला विकल्प के तौर पर New Tax Slab होगा. जबकि वैकल्पिक के तौर पुराना टैक्स स्लैब होगा.
ओल्ड टैक्स स्लैब में ढाई लाख रुपये तक की आमदनी को कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स का प्रावधान है. लेकिन सरकार इस पर 12,500 की छूट देती है. सीधा गणित यह है कि पुराने टैक्स स्लैब में 5 लाख तक की आमदनी पर आपको टैक्स नहीं देना पड़ता था.
पुराना इनकम टैक्स स्लैब
2.5 लाख तक- 0%
2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
5 लाख से 10 लाख तक- 20%
10 लाख से ऊपर- 30%