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भारत के बजट को लेकर दुनिया को होना चाहिए खुश, जयशंकर ने बताईं वजहें

बुधवार को सदन में पेश हुए आम बजट का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि दुनिया को इस बजट का स्वागत करना चाहिए. इसके लिए उन्होंने 10 कारण भी गिनाए. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि यह बजट भारत को दुनियाभर के विकास के लिए एक मजबूत इंजन बनने में सक्षम बनाएगा.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो- रॉयटर्स) भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फोटो- रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम संपूर्ण बजट पेश किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में बजट पेश करते हुए साल भर का खाका प्रस्तुत किया. इस दौरान उन्होंने विभिन्न सेक्टरों के लिए बजट की घोषणा की. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की जमकर सराहना की. ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट 'दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का बजट' है और यह भारत को दुनियाभर के विकास के लिए एक मजबूत इंजन बनने में सक्षम बनाएगा. उन्होंने 10 कारण गिनाते हुए बताया कि क्यों दुनिया को इस बजट का स्वागत करना चाहिए. 

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इसके अलावा उन्होंने यह बताया कि आने वाले वर्षों में भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए यह बजट क्यों महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि भारत का यह विकास G20 सम्मेलन के अलावा ग्लोबल बातचीत में भी प्रमुखता से शामिल होगी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन कारणों का उल्लेख किया

1. वैश्विक विकास में भारत का शक्तिशाली इंजन होना- पूंजी निवेश परिव्यय को 33% बढ़ाकर 10 ट्रिलियन रुपये कर दिया गया. अब यह जीडीपी का 3.3% हो गया.

2. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा-  केवाईसी प्रक्रिया का सरलीकरण, ग्रेटर गिफ्ट आईएफएससी गतिविधियां और व्यापार पुनर्वित्त के लिए एक्जिम बैंक की सहायक कंपनी की स्थापना, कॉमन बिजनेस पहचानकर्ता के रूप में पैन कार्ड, केंद्रीय डाटा प्रोसेसिंग सेंटर और स्टार्टअप के लिए आयकर लाभ से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा. 

3. बेहतर लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस बजट में 240 बिलियन रुपये का अब तक का सबसे अधिक रेलवे परिव्यय, 100 महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, 50 अतिरिक्त ऐयर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट और शहरी अवसंरचना विकास निधि की स्थापना से बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया. 

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4. विकास के लिए डिजिटल व्यवस्था- डिजिटल भुगतान को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना, राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस पॉलिसी, डिजीलॉकर, डिजिटल लाइब्रेरी के अलावा AI की स्थापना. 

5. वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा - श्री अन्न (Millets) के लिए इंडिया को ग्लोबल हब बनाना, बड़े पैमाने पर विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित करना, सहकारी समितियों के योगदान को बढ़ावा देना, कृषि और मत्स्य पालन लोन में वृद्धि करना, एग्रीकल्चर फंड की स्थापना करने के अलावा एग्रीकल्चर के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना.

6. वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना- फार्मा R&D को बढ़ावा, मेडिकल इनोवेशन और विनिर्माण के लिए मानव संसाधन सुनिश्चित करना, चिकित्सा अनुसंधान सुविधाएं बढ़ाना और 157 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना.

7. ग्लोबल वर्कप्लेस में भारत की भागीदारी- नेशनल एप्रेंटिसशिप पॉलिसी (National Apprenticeship Policy) की मदद से कौशल और अवसरों का विस्तार, 47 लाख युवाओं को स्टाइपेंट सहायता, 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का निर्माण. 

8. हरित विकास और मोबिलिटी पर फोकस - एनर्जी ट्रांजिशन और नेट जीरो उद्देश्यों में निवेश, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, बैटरी ESS के लिए VGF सपोर्ट और पर्यावरण के लिए लाइफस्टाइल को प्रोत्साहित करना इसका हिस्सा है. 

9. महिला सशक्तिकरण- मोदी सरकार की महिला सपोर्टिंग पॉलिसी  ग्रामीण महिलाओं के 81 लाख स्वयं सहायता समूहों को उद्यम और सामूहिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

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10. भारत को पर्यटन के लिए तैयार करना- डिजिटल सपोर्ट और कंपलीट पैकेज के साथ 50 पर्यटन स्थल पर फोकस.

 

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