
केंद्र की मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में पेंशन को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. इसके पहले सरकार की ओर से 'अटल पेंशन योजना' और 'प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना’ नाम से दो स्कीमें चल रही हैं. लेकिन शुक्रवार को अंतरिम बजट में पीयूष गोयल ने असंगठित क्षेत्र में कामकारों के लिए 'प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना' के नाम से नई स्कीम शुरू की है.
इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें 55 रुपये प्रतिमाह निवेश करने पर 3000 रुपये हर महीने पेंशन के तौर पर मिलेंगे. दरअसल कोई 18 साल का असंगठित क्षेत्र में काम करने वाला इस स्कीम का फायदा उठाता चाहता है तो उसे 60 साल तक हर महीने 55 रुपये प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना में निवेश करना पड़ेगा.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार की ओर से कुछ शर्तें रखी गई हैं. इस योजना के दायरे में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले की मासिक आय ज्यादा से ज्यादा 15,000 रुपये तक हो. लोकसभा में अंतरिम बजट के दौरान पीयूष गोयल ने कहा, 'भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का आधा हिस्सा असंगठित क्षेत्र के उन 42 करोड़ कामगारों के पसीने और कठोर परिश्रम से आता है, जो रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, निर्माण मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, कृषि कामगार, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्य कामों में लगे हुए हैं. उनको इस स्कीम का फायदा मिलेगा.'
वहीं अगर 29 साल की उम्र में इस पेंशन योजना से जुड़ने वाले असंगठित क्षेत्र के कामगार को केवल 100 रुपये हर महीने 60 वर्ष की उम्र तक निवेश करना होगा. खास बात यह है कि हर महीने निवेशक जितना इस स्कीम में जमा करेगा उतना ही सरकार की ओर से खाते में हर महीने राशि जमा की जाएगी. पीयूष गोयल ने बताया कि कम से कम 18 साल की उम्र से इस योजना में निवेश किया जा सकता है. और अधिकतम 29 साल की उम्र तक निवेश किया जा सकता है.
पीयूष गोयल ने उम्मीद जताई कि अगले 5 वर्ष में असंगठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना का लाभ मिलेगा. यही नहीं, सरकार को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजनाओं में से एक बन जाएगी.
सरकार की ओर से अंतरिम बजट में इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. साथ ही पीयूष गोयल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की जाएगी, उन्होंने बताया कि इस योजना को वित्तीय वर्ष 2019-20 में लागू कर दिया जाएगा.