
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में शिक्षा को लेकर कई ऐलान किए हैं. जिसमें जेटली ने नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा नीति पर जोर देते हुए कहा कि अब प्री-नर्सरी से 12 वीं तक के लिए एक शिक्षा नीति बनेगी. उन्होंने आगे कहा अच्छी शिक्षा के लिए सिर्फ बच्चो को बच्चों को स्कूल तक भेजना काफी नहीं है. बेहतर शिक्षा के लिए शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है. जिसके लिए सरकार अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी और टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी. आज शिक्षा की गुणवत्ता गंभीर चिंता का विषय है. जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार प्री - नर्सरी से 12वीं क्लास तक एक ही शिक्षा नीति बना रही है. वहीं सरकार के इस फैसले से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाई जा सकती है.
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इसलिए लिया गया फैसला
प्री - नर्सरी से 12वीं क्लास तक की एक नीति बनाने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि हर कक्षा के छात्रों को ऐसी शिक्षा मिल सकें जिसके चलते वह आगे रोजगार प्राप्त करने में समर्थ हो. बता दें, पहले प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग नीति होती थी लेकिन अब पूर्ण रूप शिक्षा की एक ही नीति होगी. जिसका फायदा छात्रों को मिल सकता है.
वहीं जेटली ने कहा कि वर्तमान में शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है. साथ ही चाहते हैं कि भविष्य में छात्र तरक्की करें, तो वर्तमान में उनके प्रशिक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है. ऐसे में एक ही शिक्षा नीति होने से छात्रों को इसका भरपूर फायदा मिल सकता है. हालांकि शिक्षा की इस नई नीति से छात्रों का कितना फायदा होगा और कितना नुकसान ये कहना अभी मुश्किल है. लेकिन इस फैसले से शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता का स्तर बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
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जानें- बजट में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े ऐलान के बारे में...
- शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड कार्यक्रम शुरु किया जाएगा.
- सरकार ने अब 20 लाख बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सुनिश्चित किया है.
- अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाएंगे और टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
- नवोदय विद्यालय की तर्ज पर अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए एकलव्य विद्यालय खुलेंगे.
- बड़ोदरा की रेलवे यूनिवर्सिटी की तरह दो कॉलेज और खोले जाएंगे.
- 24 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज -खोले जाएंगे.
-1 हजार छात्रों को आईआईटी से पीएचडी करने का मौका भी दिया जाएगा.
- वित्त मंत्री ने इस वित्तीय वर्ष में 18 नए आईआईटी और एनआईटी तैयार करने का लक्ष्य भी रखा है.
- 2020 तक राष्ट्रीय कौशल विकास स्कीम के तहत 50 लाख युवाओं को स्कॉलरशिप दी जाएगी.