Advertisement

Union Budget 2024: बजट में कल अगर हुआ सिर्फ यह एक फैसला तो... हिल जाएगा शेयर बाजार?

अनुमान है कि अगर सरकार रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स को नुकसान होने से बचाने के लिए कैपिटल गेन टैक्‍स (Capital Gain Tax) में इजाफा करती है तो शेयर बाजार में भारी गिरावट आ सकती है.

Stock Market on Budget Day Stock Market on Budget Day
हिमांशु द्विवेदी
  • नई दिल्‍ली ,
  • 22 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:34 AM IST

शेयर बाजार में कल बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, क्‍योंकि निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई की सुबह बजट पेश करने वाली हैं, जिसमें शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कई ऐलान हो सकते हैं. इस बजट में टैक्‍स से लेकर इनकम बढ़ाने पर फोकस रह सकता है. कई एक्‍सपर्ट उम्‍मीद लगा रहे हैं कि कैपिटल गेन टैक्‍स को लेकर सरकार कुछ अनाउंसमेंट कर सकती है. अगर सच में बजट में कुछ ऐसा होता है तो कल शेयर बाजार में भारी उतार या चढ़ाव हो सकता है. 

Advertisement

दूसरी ओर, आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में शेयर बाजार में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स और F&O ट्रेडर्स के नुकसान पर प्रकाश डाला गया. आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में कहा गया कि रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स की संख्‍या तेजी से बढ़ रही है. साथ ही शेयर बाजार में सट्टेबाजी की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिससे लोगों को तगड़ा नुकसान हो रहा है. इकोनॉमिक सर्वे में सरकार की तरफ से ऐसा जिक्र बजट में शेयर बाजार के लिए कुछ खास ऐलान की उम्‍मीद जता रहा है.  

बजट में अगर हुआ ऐसा फैसला तो हिल जाएगा बाजार 

  1. अनुमान है कि अगर सरकार रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स को नुकसान होने से बचाने के लिए कैपिटल गेन टैक्‍स (Capital Gain Tax) में इजाफा करती है तो शेयर बाजार में भारी गिरावट आ सकती है. कुछ एक्‍सपर्ट का तो ये भी कहना है कि ये गिरावट आम चुनाव परिणाम 2024 के दिन यानी 4 जून को हुई गिरावट के बराबर हो सकती है. या फिर कैपिटल गेन टैक्‍स कम होता है तो बाजार में तेजी आ सकती है.  
  2. इसके अलावा, शेयर बाजार में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स और F&O ट्रेडर्स के नुकसान को रोकने के लिए कुछ खास ऐलान होता है तो भी शेयर बाजार धाराशायी (Stock Market Crash) हो सकता है. सरकार रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स और  F&O ट्रेडर्स को नुकसान से बचाने के लिए हाई टैक्‍स लगा सकती है. साथ ही सालाना इनकम भी तय कर सकती है. 
  3. वहीं, बजट से पहले RBI गर्वनर ने कहा है कि बैंकों से लिक्विड‍िटी घट रही है और शेयर बाजार के मार्केट कैपिटल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसका मतलब साफ है कि लोगा ज्‍यादा से ज्‍यादा शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं. अब इन्‍वेस्‍टर्स एफडी या अन्‍य कम रिस्‍क वाली जगहों पर कम पैसा लगा रहे हैं. ऐसे में लिक्विडिटी बढ़ाने और लोगों की सेविंग्‍स को सुरक्षित करने के लिए भी सरकार कुछ ऐलान कर सकती है, जिसका शेयर बाजार पर निगेटिव असर पड़ेगा. 

Advertisement

शेयर बाजार को जुआ की तरह देख रहे निवेशक
इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि F&O ट्रेडिंग में ज्‍यादातर लोग बहुत ज्‍यादा लाभ की उम्‍मीद में पैसे लगा रहे हैं और इसे एक जुआ के नजरिए से सोच रहे हैं. ये विचार डेरिवेटिव ट्रेडिंग में रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स की संख्‍या बढ़ा रहा है. जिस कारण उन्‍हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि निवेशकों में जागरुकता बढ़ाना और उन्हें निरंतर वित्तीय शिक्षा देना आवश्यक है, ताकि उन्हें डेरिवेटिव ट्रेडिंग से कम या नकारात्मक अपेक्षित रिटर्न के बारे में चेतावनी दी जा सके. 

सबकुछ लुटाने को आमादा निवेशक 
सर्वे में कहा गया है कि डेरिवेटिव ट्रेडिंग में ऐसे लोगों की संख्‍या ज्‍यादा है, जो सबकुछ दाव पर लगाने को तैयार हैं और जल्‍द से जल्‍द लाखों-करोड़ों रुपये बनाने की सोच रख रहे हैं. इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया कि इक्विटी कैश सेगमेंट टर्नओवर में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 24 में 35.9 प्रतिशत थी. दोनों डिपॉजिटरी के पास डीमैट खातों की संख्या वित्त वर्ष 23 में 1,145 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 1,514 लाख हो गई. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement