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आम बजट 2016-17 पेश करने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंकों में फिर से पूंजी निवेश के जरिए अर्थव्यवस्था को ताकतवर बनाना ही हमारा पहला और तात्कालिक एजेंडा है. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को मजबूत करने की दिशा में सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं. इनकी लगातार कम होती इक्विटी को संभाला जा रहा है.
गांव-खेती और ढांचागत विकास का बजट
जेटली ने कहा कि हमने बजट में भारत की हकीकत को नजर में रखा है. आप इसे खेती, गांव और ढांचागत विकास का बजट कह सकते हैं.सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की इक्विटी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कृषि में ढांचागत सुधार को एक साथ लेकर चलने की कोशिश बजट में की गई है. उन्होंने कहा कि मेरी समझ से बजट में सबसे पहले और बड़े स्तर पर टैक्स कानूनों को आसान किया गया है. देखना अहम होगा कि वैश्विक आर्थिक माहौल से भारत को बचाने के लिए हमें अपनी पूरी क्षमता लगानी होगी.
बजट के आलोचक सेस का विकल्प सुझाएं
जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक हालातों से जुड़ी हुई है और इसकी हलचल का असर हम पर पड़ता है. इसलिए देश के छोटे और मंझोले टैक्सपेयर्स के सहूलियतें देकर बचत और उद्यम के लिए बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्व के लिए सरकार जूझती है. जो बजट की आलोचना सेस की वजह से कर रहे हैं, उन्हें कोई दूसरा रास्ता सुझाना चाहिए.