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बजट में शिक्षा क्षेत्र: 24 मेडिकल कॉलेज खुलेंगे, जानें और क्या मिला

केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली संसद में बजट पेश कर रहे हैं. बजट भाषण में जेटली कहा कि सरकार हर बच्चे को शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं इस बार सरकार नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा नीति पर जोर दे रही है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
मोहित पारीक
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 12:34 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली संसद में बजट पेश कर रहे हैं. बजट भाषण में जेटली कहा कि सरकार हर बच्चे को शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं इस बार सरकार नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा नीति पर जोर दे रही है. सरकार ने अब 20 लाख बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सुनिश्चित किया है. वहीं सरकार अब अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी और टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी..

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बजट में किया इजाफा

इस बार बजट में उच्च शिक्षा के लिए 15 हजार करोड़ बजट बढ़ाया गया है, इससे इस क्षेत्र को 1.3 लाख करोड़ मुहैया करवाए जाएंगे. वहीं जेटली ने कहा कि शिक्षकों के लिए दीक्षांत पोर्टल की शुरुआत की जाएगी.

एकलव्य योजना

जहां 50 फीसदी से अधिक एसटी जनसंख्या है और 20 हजार जनजाति निवासी हैं, वहां एकलव्य योजना के तहत स्कूल खोल जाएंगे. यह स्कूल 2022 तक खोल जाएंगे और यह नवोदय स्कूल के आधार पर होंगे. वहीं सरकार प्राइवेट सेक्टर के शिक्षण संस्थानों को लाभ देने के लिए पहल करेगी.

सरकार बड़ोदरा की रेलवे यूनिवर्सिटी की तरह दो कॉलेज और खोले जाएंगे, जिसमें निजी निवेश भी शामिल है. रेलवे प्लानिंग और आर्टिटेक्चर कॉलेज खोले जाएंगे और प्रधानमंत्री रिचर्स फैलो के तहत बीटेक स्टूडेंट को फैलोशिप दी जाएगी.

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साथ ही हेल्थ के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए 24 नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण किए जाएंगे और मेडिकल कॉलेजों की संख्या में विस्तार किया जाएगा. सरकार हर तीन संसदीय क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का प्रयास करेगी. वहीं 1 हजार छात्रों को आईआईटी से पीएचडी करने का मौका भी दिया जाएगा.

पिछले बजट में क्या मिला

वित्त मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 2017 के बजट में शिक्षा क्षेत्र को 79686 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो कि 2016 के बजट से महज 8-9 फीसदी ज्यादा था. बता दें कि 2016 में शिक्षा के क्षेत्र में 73599 करोड़ रुपये हाथ लगे थे. बताया जा रहा था कि सातवें वेतन आयोग को लेकर बढ़े सरकारी खर्चे की वजह से एजुकेशन के क्षेत्र में बजट कटौती की थी. अगर कुल बजट के आधार पर बात करें तो साल 2017 में कुल बजट का 3.711 हिस्सा शिक्षा क्षेत्र को दिया गया था, जबकि 2016 में 3.653 हिस्सा शिक्षा के नाम किया गया था.

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