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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आम बजट पेश कर दिया है. बजट के भारी भरकम आंकड़ों और बड़े-बड़े दावों के बीच क्या है आम आदमी के मतलब की बात? किससे होगा उसे फायदा और किन घोषणाओं की उसे अपनी जेब से चुकानी होगी कीमत? अगर आपके मन में भी हैं ये सवाल तो बजट भाषण के साथ-साथ इंडिया टुडे के संपादक और जाने-माने आर्थिक पत्रकार अंशुमान तिवारी की राय भी जानिए सीधे 'आजतक' के स्टूडियो से लाइव कमेंट्री में:-
बजट 2018: आंकड़ों के आर पार
02:09 PM: सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का इन्फ्रास्टक्चर अपर्याप्त है. प्राइवेट सेक्टर सब्सिडी चुराने के धंधे में जुट जाएगा.
01:54 PM: सीनियर सिटिजन्स के लिए अच्छा है इस बार का बजट. फिक्स्ड डिपोजिट्स पर ब्याज के लिए टीडीएस लिमिट बढ़ाकर 20 हजार रुपये की गई. मेडिकल क्लेम लिमिट बढ़ाकर 50 हजार रुपये और अन्य मेडिकल खर्चों की लिमिट एक लाख रुपये तक की गई.
01:43 PM: महंगे स्मार्टफोन के लिए तैयार रहिये. मोबाइल फोन और इसके उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई.
01:02 PM: बजट और महंगाई- इस बजट से महंगाई बढ़ने का अंदेशा है. ऊंचे समर्थन मूल्य का असर खाद्य उत्पादों की कीमतों पर नजर आ सकता है. घाटा और सरकार का कर्ज बढ़ने से महंगाई बढ़ सकती है. तेल कीमतें बढ़ने की तलवार पहले से सर पर टंगी है.
12:59 PM: बजट की गणित बेहाथ हो गई. घाटे के कारण सरकार पर कर्ज बढेगा.
12:57 PM: यूनिवर्सल हेल्थ बीमा बड़ी घोषणा है. लेकिन चुनावी साल में इनका क्रियान्वयन कैसे होगा?
12:55 PM: फसलों पर डेढ़ गुना समर्थन मूल्य का वादा महत्वपूर्ण है. समर्थन मूल्य नीति की पहली परीक्षा खरीफ की फसल के साथ होगी. किसानों को फायदे का दारोमदार फसल की लागत के फॉर्मूले पर होगा.
12:53 PM: जेटली ने चुनावी बजट बनाया और शेयर बाजार से उसकी कीमत वसूली है.
12:49 PM: शेयर बाजार पर दोहरी मार - शेयर बाजार पिछले चार साल की सबसे चमकदार कहानी थी. बजट ने इस पर दोहरा वार किया है. लांग टर्म कैपिटेल गेंस टैक्स भी आ गया और राजकोषीय घाटा भी बढ़ गया. मिड कैप कंपनियों को ही कुछ राहत मिली है.
12:46 PM: शेयर बाजार की तेजी पर अब लगेगा ब्रेक- लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स का चाबुक. एक लाख रुपये तक के निवेश पर 10 फीसदी टैक्स. 20 हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा. आयकर रियायतों का हिसाब बराबर. सेंसेक्स 300 अंक गिरा, निफ्टी 100 अंक टूटा.
12:42 PM: नौकरीपेशा और वरिष्ठ नागरिकों को कर रियायत से 19000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान.
12:39 PM: वेतन भोगियों के लिए इनकम स्टैंडर्ड डिडक्शन की वापसी. सरकार पर 8000 करोड़ रुपये का बोझ. अन्य करदाताओं को कोई रियायत नहीं.
12:36 PM: 250 करोड़ तक की कंपनियों के लिए कारपोरेट टैक्स की दर 25 फीसदी. शेयर बाजार में मिड कैप कंपनियों की चांदी. बड़ी कंपनियों को निराशा.
12:31 PM: घाटे का आंकड़ा बताता है कि अच्छे विनिवेश के बावजूद चालू वित्त वर्ष में सरकार को राजस्व में गहरी चोट लगी है. संशोधित खर्च 21.57 लाख करोड़ रहा है. पिछले साल के बजट में 21.14 लाख करोड़ रुपये प्रस्तावित था. 2017-18 खर्च में बड़ी बढ़ोत्तरी नहीं हुई है.
12:27 PM: राजकोषीय घाटे में जोरदार बढ़ोत्तरी. इस साल के लिए 3.5 फीसदी घाटे का अनुमान. अगले साल 3.3 फीसदी का लक्ष्य. 3.5 से 3.3 फीसदी पर लाना बहुत आसान नहीं होगा. शेयर बाजार के लिए नकारात्मक. निफ्टी-सेंसेक्स गिरे.
12:22 PM: सांसदों के लिए भी वेतन आयोग! हर पांच साल में अपने आप बढेंगी तनख्वाहें व भत्ते. नया कानून प्रस्तावित.
12:20 PM: सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों का विलय होगा. नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम उनके लिए सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होने वाली है.
12:17 PM: समर्थन मूल्य बढ़ाने की नीति लागू करने के लिए एफसीआई की पूंजी बढ़ाई जा रही है. 2014 में सरकार एफसीआई का पुनर्गठन करना चाहती थी. शांता कुमार की अध्यक्षता में समिति भी बनी थी.
12:13 PM: कंपनियों को कर्ज के लिए बाजार की तरफ मोड़ा जाएगा. सेबी को दी गई जिम्मेदारी. यह कदम बैकों पर कंपनियों को कर्ज देने की जिम्मेदरी कम करेगा और बॉन्ड व डेट बाजार को ताकत देगा. यह कदम बेहद जरूरी था.
12:09 PM: बजट अब तक - पुरानी मंजिलें भुला दी गई हैं. स्वच्छता मिशन, फसल बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, स्मार्ट सिटी का प्रमुखता से जिक्र नहीं. मुद्रा की योजना की सामान्य चर्चा.
12:03 PM: बुनियादी ढांचा - बड़ी घोषणायें पिछले साल के बजट का बाद हो चुकी थीं. रेलवे में पूंजी खर्च में शायद कटौती हुई नजर आती है.
11:59 AM: बजट अभी तक - आखिरी बजट में सरकार ने कई नई मंजिलें निर्धारित की हैं. चुनावी साल में हेल्थ बीमा, शिक्षा बुनियादी ढांचा, लघु उद्योग प्रोत्साहन का क्रियान्वयन मुश्किल होगा. हेल्थ बीमा पहले बजट में लाई जा सकती थी.
11:56 AM: शेयर बाजार की निगाह से - हेल्थ बीमा स्कीम का फायदा सरकारी बीमा कंपनियों और निजी अस्पतालों को, खेती की घोषणायें ट्रैक्टर, खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के लिए फायदे की.
11:51 AM: नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, अगर पूरे देश में लागू हुई तो क्लेम्स का अनुमानित आकार 2.5 खरब रुपये तक हो सकता है. बजट में इसके लिए कितना धन दिया गया है इसे देखना होगा.
11:47 AM: विश्लेषण - मोदीकेयर पर उत्साहित होने से पहले पिछली प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रदर्शन याद रखिये. सरकारी इलाज बीमा योजनाओं का प्रदर्शन बुरी तरह खराब रहा है. इस स्कीम से तात्कालिक फायदा निजी अस्पताओं को होगा.
11:43 AM: यह रही मोदीकेयर- ओबामाकेयर जैसी नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम बड़ी 50 करोड़ लोगों- पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य कवरेज .. विस्तृत ब्योरे का इंतजार रहेगा. शुरुआती तौर पर यह बीमा स्कीम लगती है.
11:40 AM: शिक्षा के बुनियादी ढांचे के लिए नया कार्यक्रम लेकिन वित्त मंत्री ने बजट नहीं बताया. लगता है कि शिक्षा के बजट में बड़ी बढ़ोत्तरी नहीं हुई.
11:37 AM: ग्रामीण विकास व बुनियादी ढांचा स्कीमों की नई पैकेजिंग - सड़क, शौचालय, बिजली को ग्रामीण रोजगार से जोड़ा - ग्रामीण बजट से रोजगार बढ़ने का दावा किया जाएगा.
11:35 AM: सस्ते मकान के लिए नेशनल हाउसिंग बैंक के तहत नया फंड बनेगा लेकिन वित्त मंत्री ने उसका आकार नहीं बताया?
11:33 AM: फसल समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करने का फैसला इस बात पर निर्भर होगा कि सरकार फसल की लागत की गणना कैसे करती है. खेती की लागत को लेकर नई बहस शुरू होने के आसार हैं.
11:30 AM: फॉमर्स प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव - किसान कंपनी पार्टनरशिप- एक अच्छा प्रयोग है जो कुछ राज्यों में सक्रिय है. बजट में इसके लिए प्रोत्साहन से अन्य राज्यों में भी इसे विस्तार मिलेगा. फॉमर्स प्रोड्यूसर्स ऑर्गनाइजेशन को इनकम टैक्स रियायत भी मिलेंगी.
11:27 AM: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए अच्छी घोषणा- बागवानी में उद्योग की तर्ज पर क्लस्टर विकसित करने की योजना. बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर-पूर्व को फायदा होगा.
11:23 AM: विश्लेषण- फसल समर्थन मूल्य बढेंगे- महंगाई से सावधान - सभी फसलों पर डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का नीतिगत फैसला. ध्यान रहे कि 2014 में भाजपा सरकार ने ऊंचे समर्थन मूल्य को महंगाई बढ़ाने वाला माना था. केंद्र राज्य सरकारों के बजट पर बोझ बढ़ना तय.
11:17 AM: बजट खेती - इस साल के 21 लाख करोड़ रुपये के बजट में खेती को मिले थे केवल 56000 करोड़ रुपये. दो लाख करोड़ रुपये से ऊपर का खर्च केवल एफसीआई को खाद्य सब्सिडी और उर्वरक पर दो लाख करोड़ रुपये का खर्च.
11:11 AM: जेटली ने बताई वरीयतायें - खेती, स्वास्थ्य और वरिष्ठ नागरिक . खेती के लिए बड़े ऐलान के संकेत. क्या यूनिवर्सल हेल्थ बीमा योजना आएगी? वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रियायत भी मुमकिन?
11:06 AM: बाजार और उद्योगों के लिए एनडीए सरकार के आखिरी बजट में केवल दो तथ्य महत्वपूर्ण होंगे एक- राजकोषीय घाटे का आंकड़ा और दूसरा - शेयर बाजार पर कैपिटल गेन टैक्स .. शेष रुटीन होगा.
11:01 AM: देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ा दिन है, उद्योग की निगाहें बजट के साथ जीएसटी ई वे बिल के क्रियान्वयन पर भी हैं. 80000 ई वे बिल रोज जारी होने हैं. जीएसटीएन पर भरोसा डगमगाया हुआ है.
12:09 PM: बजट अब तक - पुरानी मंजिलें भुला दी गई हैं. स्वच्छता मिशन, फसल बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, स्मार्ट सिटी का प्रमुखता से जिक्र नहीं. मुद्रा की योजना की सामान्य चर्चा.