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BUDGET 2018: किसानों की आमदनी और आम आदमी का स्वास्थ पहली प्राथमिकता

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली अपना पांचवा और मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर चुके हैं. बजट के बाद वित्त मंत्री प्रेस कांन्फ्रेस करने जा रहे हैं. जानिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बाते..

राष्ट्रपति से मिले वित्तमंत्री अरुण जेटली राष्ट्रपति से मिले वित्तमंत्री अरुण जेटली
नंदलाल शर्मा/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली ,
  • 01 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली अपना पांचवा और मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश कर चुके हैं. बजट के बाद वित्त मंत्री प्रेस कांन्फ्रेस करने जा रहे हैं. जानिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बाते..

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि स्ट्रक्चरल रिफॉर्म का अपना असर रहा है. खर्च औऱ प्राथमिकता पर जेटली ने कहा कि सरकार ने सेक्टर की जरूरत के आधार पर अपना फैसला लिया है. किसानों की जरूरत अहम है लिहाजा एमएसपी समेत अन्य घोषणाएं इस प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए की गई है. वहीं दूसरी प्राथमिकता आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करने की है. उज्जवला स्कीम को 8 करोड़ महिलाओं तक पहुंचाना बेहद जरूरी है.

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जेटली ने कहा कि 10 करोड़ परिवार और 50 करोड़ लोगों तक हेल्थ इंश्योरेंस का फायदा पहुंचाना केन्द्र सरकार की बड़ी प्राथमिकता में शामिल है. यह योजना केन्द्र सरकार की अबतक की सबसे बड़ी योजना है.

जेटली ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के वादे पर कहा कि यह संभव नहीं है कि एक झटके में कोई बड़ी कटौती की जाए. लिहाजा सरकार ने 250 करोड़ की लिमिट तक पहुंचाया है. वहीं टैक्स के बोझ जिस वर्ग से हटाना जरूरी था सरकार ने ध्यान में रखने हुए टैक्स में कटौती का कोई भी फैसला लिया है.

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जेटली ने कहा कि जैसे ही देश में आर्थिक स्थिति सुधरती है तो उसी के अनुपात में सामाजिक सुरक्षा के ढांते को तैयार करने की जरूरत है. 1 फीसदी सर्चाज इसी सोशल सिक्योरिटी के लिए जाता है. वहीं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर जेटली ने कहा कि यह मुद्दा बीते कई वर्षों से चर्चा में रहा है. हमने इसे पिछली तारीख से लागू नहीं किया है. कैपिटल गेन टैक्स मौजूदा समय में हुए गेन पर लगाया जाएगा वहीं 1 फरवरी से पहले आए निवेश पर इस फैसले का असर नहीं होगा.

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एमएसपी पर किए प्रावधान से महंगाई ने बढ़े, सरकार क्या करेगी

एमएसपी के बाद खरीद की जो व्यवस्था होती है उसमें दो तरीके हैं. फिलहाल इस विषय पर नीति आयोग को राज्यों के साथ करने की चर्चा है. एक विकल्प है कि सरकार सीधे तौर पर खरीद करे और किसानों को सीधा फायदा पहुंचे.

हेल्थ इंश्योरेंस

पांच लाख रुपये के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए मौजूदा वित्त वर्ष के लिए केन्द्र सरकार ने 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. एक बार जब इस प्रोजेक्ट की बारीकियां तय हो जाएगी तब इसे सबके साथ साझा किया जाएगा. फिलहाल यह स्कीम कैश पेमेंट के आधार पर रहेगी लेकिन क्या इसमें इंश्योरेंस कंपनियों को शामिल करना है पर फैसला लिया जाना बाकी है.

एमएसपी, कस्टम और अन्य प्रावधानों का महंगाई पर क्या असर होगा

इन फैसलों का महंगाई का पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं कहा गया जिससे कीमतों का बढ़ना तय है और इसमें एमएसपी का मुद्दा भी शामिल है.

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