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बजट 2019: केवल 49 लाख लोगों को होगा 5 लाख तक की टैक्स छूट का फायदा

Union-budget 2019 मोदी सरकार के अंतर‍िम बजट में टैक्स छूट का जब ह‍िसाब लगाया गया तो सामने आ रहा है क‍ि केवल 49 लाख लोगों को ही टैक्स छूट का लाभ म‍िलेगा जबकि इस साल 6 करोड़ 85 लाख लोगों ने र‍िटर्न फाइल क‍िया है.आख‍िर क्या है मोदी सरकार के इनकम टैक्स छूट का गोल-गोल  गणित?

इनकम टैक्स में छूट (Demo Photo) इनकम टैक्स में छूट (Demo Photo)
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली,
  • 02 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

मोदी सरकार के अंतर‍िम बजट में टैक्स छूट की बड़ी घोषणा की गई ज‍िसमें दावा क‍िया जा रहा है क‍ि 3 करोड़ लोगों को फायदा म‍िलेगा. इस छूट का जब ह‍िसाब लगाया गया तो सामने आ रहा है क‍ि केवल 49 लाख लोगों को ही टैक्स छूट का लाभ म‍िलेगा जबकि इस साल 6 करोड़ 85 लाख लोगों ने र‍िटर्न फाइल क‍िया है. हालांक‍ि सरकार का दावा है क‍ि सभी तरह के इन्वेस्टमेंट और छूट म‍िलाकर ये संख्या 3 करोड़ तक पहुंच जाएगी.

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अभी तक बजट में 2.5 से 3.5 लाख तक आय होने पर सेक्शन 87 ए की वजह से पांच हजार रुपए की कर छूट का प्रावधान था. यह छूट अब 2.5 से 5 लाख रुपए तक 12,500 रुपए कर दी गई है. इसका मतलब है क‍ि पहले 3,60,000 सैलरी ज‍िसकी होती थी उसे 40 हजार की  स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट म‍िलती थी. तब टैक्सेबल सैलरी बनती थी 3,20,000 इस पर टैक्स बनता था 1040 रुपये. 87 ए की छूट की वजह से ये टैक्स शून्य हो जाता था. इस वजह से कोई टैक्स नहीं लगता था. अब स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन की छूट 40 हजार से 50 हजार रुपये करने पर टैक्सेबल सैलरी 3,10,000 हो गई. छूट की वजह से अब इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.

ज‍िनकी इनकम 5 लाख से 6 लाख है

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सैलरी से इनकम 5,50,000 रुपये थी तो उसपर 40 हजार रुपये स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन म‍िलता था.तब टैक्सेबल सैलरी बनती थी 5 लाख 10 हजार. इस पर टैक्स लगता था 15,080 रुपये. अब स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन की सीमा बढ़ने से टैक्सेबल सैलरी 5 लाख होगी. अब इस पर भी कोई टैक्स नहीं देना होगा.

ज‍िनकी इनकम 6 से 10 लाख है

ज‍िनकी इनकम 8 लाख 50 हजार रुपये थी उनकी स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन की ल‍िम‍िट की वजह से 8 लाख 10 हजार रुपये टैक्सेबल सैलरी आती थी. इस पर 77 हजार 480 रुपये टैक्स लगता था. अब स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन की ल‍िम‍िट बढ़ने से 75,400 रुपये टैक्स लगेगा. इस तरह 2080 रुपये की बचत होगी.

ज‍िनकी इनकम 10 लाख से ज्यादा है

ज‍िनकी सैलरी 10 लाख 50 हजार रुपये थी, उसमें स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन काटकर 10 लाख 10 हजार रुपये टैक्सेबल सैलरी थी. इस पर 1 लाख 20 हजार 120 रुपये टैक्स बनता था. अब स्टैंडर्ड ड‍िडक्शन की ल‍िम‍िट बढ़ने पर 1 लाख 17 हजार रुपये का टैक्स लगेगा. इसमें 3,120 रुपये की बचत होगी.

50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की इनकम  

ज‍िनकी इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है, उनको 3,432 रुपये की बचत होगी. ज‍िनकी इनकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है उन्हें 3,588 रुपये का लाभ होगा.

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अभी ऐसे हैं टैक्स स्लैब

अभी इनकम टैक्स की जो स्लैब हैं उसके अनुसार, ढाई लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं, ढाई से 5 लाख रुपये तक 5 फीसद, 5 लाख से 10 लाख तक 20 फीसदी और 10 लाख से ज्यादा इनकम पर 30 फीसद टैक्स है. इस पर  4 फीसद का सेस भी लगता है. यदि 50 लाख से ज्यादा इनकम है तो 10 फीसद सरचार्ज और 1 करोड़ से ज्यादा इनकम है तो 15 फीसद सरचार्ज भी लगता है.

6 करोड़ 85 लाख लोग इनकम टैक्स व‍िभाग के दायरे में

भारत में 2018 में 6 करोड़ 85 लाख लोग इनकम टैक्स व‍िभाग के दायरे में आते हैं जो र‍िटर्न फाइल करते हैं. 2017 में यह संख्या 5 करोड़ 57 लाख, 2016 में 4 करोड़ 63 लाख, 2015 में 4 करोड़ 4 लाख और 2014 में 3 करोड़ 80 लाख लोग थे.

इनमें से 3 लाख 50 हजार से 4 लाख इनकम वाले स्लैब में 15 लाख 93 हजार 322, चार लाख से 4 लाख 50 हजार रुपये इनकम वाले स्लैब में 16 लाख 86 हजार 535 और  4 लाख 50 हजार से 5 लाख वाले स्लैब में 16 लाख 67 हजार 740 करदाता टैक्स भरते थे. इस तरह 49 लाख 37 हजार 607 करदाता 2, 22, 842 करोड़ का टैक्स भरते थे ज‍िनको अब टैक्स नहीं देना होगा.

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क्या होता है स्टैंडर्ड डिडक्शन

स्टैंडर्ड डिडक्शन आय का वो हिस्सा होता है, जिस पर कोई टैक्स नहीं देना होता है. इस छूट का फायदा उठाने के लिए किसी भी तरह का दस्तावेज भी नहीं दिखाने होते हैं.

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