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Income tax new slab: आयकर में छूट को ऊंट के मुंह में जीरा क्यों बता रहे हैं टैक्स एक्सपर्ट?

बजट 2024 में आयकर स्लैब में किए गए बदलावों पर प्रतिक्रिया देते हुए टैक्स विशेषज्ञ मनोज गोयल ने कहा कि अगर करमुक्त आय 3 से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया जाता तो 15 लाख से ऊपर सालाना कमाने वाले व्यक्ति को 60 हजार रुपये की बचत होती.

E-खाता बही के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. E-खाता बही के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:21 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर दिया है. वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है. इसके अलावा सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत नए टैक्स स्लैब की घोषणा की है. 

अब तीन लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 3 से 7 लाख तक के टैक्सेबल इनकम पर 5 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होगा. 7 से 10 लाख का टैक्सेबल इनकम होने पर 10 फीसदी की दर से आय कर लगेगा. 10 से 12 लाख के टैक्सेबल इनकल पर 15 फीसदी की दर से आयकर लगेगा. 12 से 15 लाख के टैक्सेबल इनकम पर 20 फीसदी आयकर लगेगा. 15 लाख से ज्यादा के टैक्सेबल आय पर 30 फीसदी की दर से आयकर लगेगा. 

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हालांकि आयकर में इस छूट को टैक्स एक्सपर्ट ऊंट के मुंह में जीरा बता रहे हैं. टैक्स एक्सपर्ट मनोज गोयल ने कहा कि ये कटौतियां ऊंट के मुंह में जीरा जैसी ही बात है. उन्होंने कहा कि इसका कुल प्रभाव देखें तो जिनकी कमाई सैलरी से न होकर अन्य स्रोतों से होती है उन्हें 10 हजार का फायदा होगा. जबकि जो नौकरीशुदा लोग हैं उन्हें 25000 स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने की वजह से सालाना 17,500 रुपये की बचत होगी. 

5 लाख तक की कमाई होनी चाहिए थी टैक्स फ्री

मनोज गोयल ने कहा कि आज की महंगाई में लोग जिस तरह की उम्मीदें रख रहे थे वे पूरी नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा कि पहली स्लैब जोकि अभी 0-3 लाख है उसे 0-5 लाख करनी चाहिए थी और इसे टैक्स फ्री करनी चाहिए थी. इसी अनुपात में नीचे के टैक्स स्लैब को भी बढ़ाया जाना चाहिए था. इस हिसाब से ये ऊंट के मुंह में जीरा जैसा ही लगता है. 

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टैक्स विशेषज्ञ मनोज गोयल ने कहा कि अगर करमुक्त आय 3 से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया जाता तो 15 लाख से ऊपर सालाना कमाने वाले व्यक्ति को 60 हजार रुपये की बचत होती. 

लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स बढ़ा

उन्होंने कहा कि ज्यादा अहम बात जो समझने की है वो ये है कि एक तरफ तो टैक्स स्लैब बढ़ाकर उन्होंने थोड़ी सी राहत दी है लेकिन कई बहुत सारी रियायतें छीन भी ली है. जो लोग स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे थे वहां अगर कोई स्टॉक को एक साल तक के लिए रखता था और उसे बेचता था तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 10 फीसदी देना पड़ता था. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. 

मनोज गोयल ने कहा कि इससे टैक्स पेयर्स को ज्यादा कुछ हासिल नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से 37500 करोड़ का भार सरकार पर पड़ेगा लेकिन सरकार इसी सिस्टम से 30 हजार करोड़ वसूल कर लेगी. 

टैक्स विशेषज्ञों के अनुसार अब न्यू टैक्स रिजीम की ओर लोगों का रुझान बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री पहले ही कह चुकी हैं कि दो तिहाई लोग न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो चुके हैं. मनोज गोयल ने कहा कि इस बदलाव के बावजूद जिनकी सालाना सैलरी 12 लाख से ऊपर है उनके लिए टैक्स का नया रिजीम ही फायदेमंद है. ओल्ड रिजीम में उन्हें ही फायदा है जो डिडक्शन क्लेम करते हैं और जिनकी सैलरी 10-12 लाख से नीचे है. 
 

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