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Income Tax On Property: बजट में हुआ खेल... 40% घट गया प्रॉपर्टी बेचने पर टैक्स, लेकिन अब देना होगा पौने दो गुना ज्यादा पैसा

बजट में प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स (LTCG on Asset) को 7.5% कम करके 12.5 फीसदी किया गया है, लेकिन इससे उतनी राहत नहीं मिलेगी, जितनी Indexation लागू होने पर मिलती थी, जिसे सरकार ने अब इसे हटा दिया है.

Capital Gains Tax in Budget for Non Listed Asset Capital Gains Tax in Budget for Non Listed Asset
हिमांशु द्विवेदी
  • नई दिल्‍ली ,
  • 25 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:45 PM IST

बजट 2024 में एक ऐसा ऐलान हुआ है, जिससे प्रॉपर्टी बेचने वालों को तगड़ा झटका लगेगा. प्रॉपर्टी बेचने पर इंडेक्‍सेशन नामक मिलने वाले एक बड़े बेनिफिट को अब हटा दिया है. हालांकि बजट में प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स (LTCG on Asset) को 20% से 7.5% कम करके 12.5 फीसदी किया गया तो है. मान लीजिए अगर किसी प्रॉपर्टी पर 1 लाख रुपये टैक्‍स लगता था तो अब ये कम होकर 60 हजार ही टैक्‍स देना पड़ेगा. इस हिसाब से 40 प्रतिशत टैक्‍स कम हुआ है, लेकिन इससे उतनी राहत नहीं मिलेगी, जितनी पहले मिलती थी. आसान शब्‍दों में कहें तो अब आपको पहले की तुलना में प्रॉपर्टी बेचने पर ज्‍यादा टैक्‍स (Tax on Property) पेमेंट करना होगा.
 

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आइए बजट में हुए इस ऐलान को सरल भाषा में विस्‍तार से जानते हैं कि अगर आप कोई प्रॉपर्टी बेचते हैं तो कितना टैक्‍स देना होगा? पहले कितना देना पड़ता था और कैसे आप अपनी प्रॉपर्टी से कमाई पर टैक्‍स कैलकुलेट कर सकते हैं? 

बजट में प्रॉपर्टी पर घटाया LTCG टैक्‍स, लेकिन... 
23 जुलाई को बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने प्रॉपर्टी बेचने पर कैपिटल गेन टैक्‍स पर बड़ा ऐलान किया. वित्त मंत्री ने राहत देते हुए कहा कि रियल एस्‍टेट में 20 प्रतिशत लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स (LTCG) को कम करके 12.5 प्रतिशत कर दिया है. पहली नजर में देखें तो ऐसा लगेगा कि प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले टैक्‍स को कम करके बड़ी राहत दी गई है, लेकिन ऐसा नहीं है. 

दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक और बड़ा बदलाव किया है. प्रॉपर्टी बेचने पर मिलने वाले इंडेक्‍सेशन बेनिफिट (Indexation Benefit) को हटा दिया है. इंडेक्सेशन ऐसा टूल था, जो प्रॉपर्टी बेचने पर लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्‍स के दायरे में आए मुनाफे वाली रकम को कम कर देता था और इसके बाद बचे हुए अमाउंट पर LTCG टैक्‍स (20%) लगाया जाता था. इससे आपको कम टैक्‍स देना पड़ता था, लेकिन अब ज्‍यादा टैक्‍स देना होगा. 

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कैसे काम करता था इंडेक्‍सेशन? 
हालांकि आपको प्रॉपर्टी पर इस टैक्‍स स्‍ट्रक्‍चर को समझने के लिए Indexation को समझना बहुत जरूरी है. Indexation वह लाभ था, जो लॉन्‍ग टर्म में प्रॉपर्टी बेचने पर हुए मुनाफे और महंगाई को एडजस्‍ट करता था. फिर प्रॉपर्टी पर टैक्‍स लगाया जाता था. इसे और सरल करें तो 10 साल पहले महंगाई कुछ और थी, लेकिन आज कुछ और है. ऐसे में महंगाई के हिसाब से इंडेक्‍सेशन प्रॉपर्टी पर हुए मुनाफे को एडजस्‍ट करता था और फिर टैक्‍स (Capital Gains Tax) लगता था.

आइए जानते हैं कि इंडेक्‍सेशन का कैलकुलेशन कैसे किया जाता है...

(Indexation = बेचे गए साल का CII/खरीदे गए साल का CII x प्रॉपर्टी खरीद की कीमत) 

पहले किस अमाउंट पर लगता था टैक्‍स और अब...? 
इंडेक्‍सेशन को समझने के बाद अब आप प्रॉपर्टी पर इस टैक्‍स स्‍ट्रक्‍चर को उदाहरण से ऐसे समझ सकते हैं. मान लीजिए अगर आपने साल 2000 में कोई प्रॉपर्टी 20 लाख रुपये में खरीदी और इसे 2009 में 35 लाख रुपये में बेच डाली, तो आपको 15 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. लेकिन यहां आपको पूरे 15 लाख पर टैक्‍स नहीं देना होता था, इसमें से इंडेक्‍सेशन बेनिफिट ( 29,92,288 रुपये) घटा दी जाती. इसके बाद बची हुई रकम 5,07,712 रुपये पर LTCG टैक्‍स 20% देना होता, लेकिन अब पूरे 15 लाख रुपये पर 12.5% टैक्‍स देना होगा. 

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  • पहले नियम के मुताबिक, इंडेक्‍सेशन मेथर्ड यूज करते हुए 5,07,712 रुपये पर 20% टैक्‍स लगता, यानी 1,01,542 रुपये टैक्‍स देना होता. 
  • अब नए नियम पर बिना इंडेक्‍सेशन के कुल 15 लाख रुपये पर 12.5% टैक्‍स देना होगा. मतलब 1,87,000 रुपये भुगतान करना होगा. 

कैसे निकालते हैं इंडेक्‍सेशन? 
इंडेक्सेशन निकालने के लिए प्रॉपर्टी बेचे गए वर्ष के कॉस्‍ट इंफ्लेशन इंडेक्‍स (CII) को प्रॉपर्टी खरीदी गए वर्ष के कॉस्‍ट इंफ्लेशन इंडेक्‍स (CII) से भाग देना होता है. जो भी अंक आता है, उसे कॉस्‍ट ऑफ एक्वीजन यानी प्रॉपर्टी खरीद रकम से गुणा करना होगा. फिर जाकर आपको Indexation मिल जाएगा. बता दें 2024-25 का CII 363 है. 

 

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