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Union Budget 2024: टैक्‍स स्‍लैब से लेकर HRA तक... आज वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए हो सकते हैं ये बड़े ऐलान

Budget 2024 Income Tax Slab: मिडिल क्‍लास को उम्मीद है कि टैक्‍स की रेट कम होंगी और बेसिक छूट सीमा में बढ़ोतरी होगी. वर्तमान में, ओल्‍ड टैक्‍स व्यवस्था के तहत बेसिक छूट सीमा 2.5 लाख रुपये और नई व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये है. ऐसी उम्मीद है कि नई व्यवस्था के तहत सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है.

बजट 2024 बजट 2024
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 23 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:56 AM IST

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज बजट 2024 संसद में पेश करेंगी. इस दौरान इंफ्रा से लेकर रेलवे सेक्‍टर के लिए खास ऐलान हो सकते हैं. बजट में वित्त मंत्री कई बड़े ऐलान कर सकती हैं. खासकर वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कुछ अलग से ऐलान होने की उम्‍मीद जताई जा रही है. भारत का मिडिल क्‍लास केंद्रीय बजट 2024 (Union Budget 2024) का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, मूडीज एनालिटिक्स ने उम्‍मीद की एक झलक पेश की है, जिसमें कहा गया है कि उनके लिए कुछ महत्वपूर्ण हो सकता है. 

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मूडीज एनालिटिक्स की एसोसिएट इकोनॉमिस्ट अदिति रमन ने एक नोट में कहा कि लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की भाजपा का लक्ष्य नई गठबंधन सरकार में विश्वास और जनता का भरोसा बनाना है. भारत के बजट पूर्वावलोकन में, मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि बजट का व्यापार और उपभोक्ता विश्वास पर असर पड़ेगा. 

भारत का यह केंद्रीय बजट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर पूंजीगत व्यय को बनाए रखेगा या संभवतः उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के लिए फंड को बढ़ाएगा. बजट में टैक्‍सेशन के लिए कुछ अलग ऐलान होने की संभावना है, लेकिन इस साल के आम चुनाव में आश्चर्यजनक परिणाम के मद्देनजर नीति निरंतरता पर व्यापक जोर दिया जाएगा.

मिडिल क्‍लास के लिए क्‍या हो सकता है खास? 
मिडिल क्‍लास को उम्मीद है कि टैक्‍स की रेट कम होंगी और बेसिक छूट सीमा में बढ़ोतरी होगी. वर्तमान में, ओल्‍ड टैक्‍स व्यवस्था के तहत बेसिक छूट सीमा 2.5 लाख रुपये और नई व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये है. ऐसी उम्मीद है कि नई व्यवस्था के तहत सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है. टैक्सआराम इंडिया के संस्थापक-निदेशक मयंक मोहनका के अनुसार, इस तरह के कदम से टैक्‍स रेवेन्‍यू पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन हाई टैक्‍स स्लैब में आने वालों को काफी बचत हो सकती है. 

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नया टैक्‍स स्‍लैब हो सकता है पेश
स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन में बढ़ोतरी के अलावा, कई टैक्‍सेशन और फाइनेंस एक्‍सपर्ट्स 15-20 लाख रुपये के बीच की आय के लिए एक अलग टैक्‍स स्लैब शुरू करने की वकालत कर रहे हैं. वर्तमान में, 15 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर लगता है. 25 प्रतिशत का नया टैक्‍स स्लैब अधिक संतुलित हो सकता है.

एचआरए पर क्‍या होंगे ऐलान? 
नई कर व्यवस्था में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और होम लोन ब्याज टैक्‍स लाभ को शामिल करना एक प्रमुख मांग है. पुरानी व्यवस्था के तहत ये लाभ लोगों को मिल रहा है और नई व्यवस्था में इनके शामिल होने से अधिक टैक्‍सपेयर्स को बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है. 

2018-19 से इक्विटी शेयर या म्यूचुअल फंड यूनिट पर 1 लाख रुपये से ज़्यादा के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर 10 प्रतिशत टैक्स लगता है. फाइनेंस एक्‍सपर्ट मौजूदा आर्थिक माहौल को ध्यान में रखते हुए इस सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का सुझाव देते हैं. 

इस बात की भी संभावना है कि सरकार वायदा और विकल्प (F&O) व्यापार को सट्टा व्यापार के रूप में फिर से परिभाषित कर सकती है. यह परिवर्तन अन्य इनकम के खिलाफ एफ एंड ओ घाटे की भरपाई करने की क्षमता को सीमित करेगा, इस कदम का उद्देश्य इस क्षेत्र में अत्यधिक खुदरा भागीदारी को रोकना है. 

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