
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने इनकम टैक्स में बड़ी छूट का ऐलान किया, जिसके तहत अब 12 लाख तक की सालाना कमाई पर कोई भी टैक्स नहीं लगेगा. इसके अलावा, वित्त मंत्री ने बजट 2025 के दौरान एक और बड़ा ऐलान किया. उन्होंने सीनियर सिटीजन के लिए TDS कटौती की सीमा बढ़ा दी है, जिससे अब FD में निवेश करने वाले सीनियर सिटीजन को ज्यादा फायदा मिलेगा. साथ ही बैंक की लिक्विडिटी भी बढ़ेगी.
अब कितनी हुई TDS कटौती की लिमिट?
बजट में बड़ा ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अब सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की लिमिट 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है. इसका मतलब है कि अगर किसी सीनियर सिटीजन को बैंक डिपॉजिट या FD से एक वित्तीय वर्ष के दौरान 1 लाख रुपये सिर्फ ब्याज से कमाई होती है तो यह TDS कटौती के दायरे में नहीं आएगा.
अब तक 50 हजार रुपये तक TDS नहीं लगता था
सरकार के इस फैसले से रिटायर्ड लोगों को काफी फायदा होगा. ऐसे लोग खर्च के लिए काफी हद तक बैंक डिपॉजिट से इंटरेस्ट इनकम पर निर्भर करते हैं. अब तक सीनियर सिटीजन को बैंक डिपॉजिट से 50,000 रुपये तक की इंटरेस्ट इनकम TDS के दायरे में नहीं आती थी. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80TTB के तहत उन्हें यह सुविधा मिलती थी.
लेकिन अब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने के ऐलान के बाद 50,000 रुपये की यह लिमिट 1 लाख रुपये हो गई है. इसका मतलब है कि बैंक डिपॉजिट से सीनियर सिटीजन को एक वित्त वर्ष में मिलने वाला एक लाख रुपये तक का इंटरेस्ट TDS के दायरे में नहीं आएगा.
कैसे बचेंगे ज्यादा पैसे?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद अब अगर किसी भी सीनियर सिटीजन को बैंक, पोस्ट ऑफिस में डिपॉजिट पर 1 वित्त वर्ष के दौरान 1 लाख रुपये तक का ब्याज मिलता है तो '0' टीडीएस कटेगा. इससे पहले बैंक या पोस्ट ऑफिस 50,000 रुपये से ज्यादा इंटरेस्ट इनकम पर 10 फीसदी टैक्स लगता था. वहीं जिन सीनियर सिटीजन के पास PAN नहीं होता है, उन्हें 20 फीसदी टीडीएस देना पड़ता था.
रेंट इनकम पर भी टीडीएस लिमिट बढ़ी
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने कहा कि अगर रेंट से इनकम होती है तो एक वित्तीय वर्ष के दौरान 6 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई TDS चार्ज नहीं देना होगा. पहले यह लिमिट 2.40 लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 6 लाख रुपये कर दी गई है.